महाराष्ट्र: बीजेपी का आरोप- प्राचीन गुफाओं के नाम पर उद्धव सरकार कर रही है घोटाला
बीजेपी का आरोप है कि गुफा में एक आदिकालीन मंदिर भी मौजूद है. ये पर्यटक स्थल भी है, जिसका सरकार सौदा कर रही है.
मुंबई: बीजेपी का आरोप है कि उद्धव सरकार ने मुंबई के कुछ बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए बीच शहर में मौजूद आदिकालीन महाकाली गुफाओं का TDR किया है. यह एक बड़ा घोटाला है. बता दें कि ये महाकाली गुफाएं बीच मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में मौजूद हैं.
बीजेपी का आरोप है कि गुफा में एक आदिकालीन मंदिर भी मौजूद है. ये पर्यटक स्थल भी है, जिसका सरकार सौदा कर रही है. उद्धव सरकार ने सभी नियमों और कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके बड़ा भ्रष्टाचार किया है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया और प्रवीण दरेकर ने इन गुफाओं के अंदर जाकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया.
बीजेपी के मुताबिक, उद्धव सरकार मंदिर की जगह का सौदा बिल्डरों से कर रही है. बीजेपी के नेता किरीट सोमैया का आरोप है कि ठाकरे सरकार ने मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में मौजूद महाकाली गुफा की करोड़ों रुपए की जमीन का टीडीआर बिल्डर अविनाश भोसले और शाहिद बलवा को देने का फैसला किया है.
अंग्रेजों ने महाकाली गुफा के पास की तकरीबन 1 स्क्वायर मीटर यानी 10 हजार स्क्वायर फुट की जगह 999 साल के लिए लीज पर 1 अगस्त 1805 को दी थी. 1909 मे भारत सरकार ने इस गुफा को प्रोटेक्टेड मॉन्यूमेंट्स घोषित किया. 1913 में फर्नांडिस रिबेलो परिवार के साथ भारत सरकार ने एक करार भी किया. महाकाली गुफा लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी भारत सरकार के अधीन आती है. ऐसे में इसका टीडीआर नहीं दिया जा सकता है. ये खुद महापालिका यानी बीएमसी पहले कह चुकी है. उसके बावजूद कुछ बिल्डर ने टीडीआर संबंधित अपनी आवाज बुलंद की थी.
2014 में अविनाश भोसले, शाहिद बलवा और विनोद गोयनका की कंपनी ने मुंबई हाई कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका भी दायर की. लेकिन अब तक 6 साल हो चुके हैं कोर्ट ने बिल्डरों की मांग को मान्य नहीं किया है. जुलाई 2019 में मुंबई महानगर पालिका ने भी बिल्डरों की मांग नहीं मानी थी. लेकिन इन सब के बावजूद ठाकरे सरकार ने कई साल पुरानी महाकाली गुफा के रास्ते टीडीआर बिल्डरों को देने का तय किया है.
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