मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी ने अब खुलकर कोरोना को लेकर राज्य की ठाकरे सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. अब तक बीजेपी इस आशंका से ठाकरे सरकार पर हमला नहीं कर रही थी कि उसपर आपदा के वक्त सियासत करने का आरोप लगेगा. लेकिन अब महाराष्ट्र में बीजेपी के तेवर बदल गए हैं, तीखे हो गए हैं, इसकी पहली झलक शुक्रवार को देखने मिली जब पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में पार्टी की ओर से महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन शुरू किया गया.


मुंबई के नरीमन पॉइंट पर प्रदेश मुख्यालय के सामने बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं ने ठाकरे सरकार के खिलाफ हाथ में तख्तियां लेकर मूक प्रदर्शन किया. इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार पर निशाना साधा.


"ठाकरे सरकार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर नहीं"
फडणवीस ने कहा, "राज्य का स्वास्थ्य सिस्टम धाराशायी हो चुका है. देश के तमाम राज्य हर वर्ग के लिए पैकेज की घोषणा कर रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में किसी पैकेज का ऐलान नहीं हुआ. इतना ही नहीं केंद्र से जो आर्थिक मदद मिल रही है उसका भी इस्तेमाल नहीं हो रहा. केंद्र सरकार ने अनाज भेजा लेकिन वो भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा. राज्य के अस्पतालों में मृतदेह के बगल में इलाज हो रहा है. एक बेड पर दो मरीज रखे जा रहे हैं. कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की हालत भी खराब है. एंबुलेंस न मिल पाने की वजह से कई मरीजों की मौत हो रही है. कई पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, लेकिन उनके इलाज का कोई इंतजाम नहीं है. मरीजों की संख्या 40 हजार तक पहुंच गई लेकिन इसके बावजूद सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर नहीं है."


बीजेपी ने लगाया घोटाले का आरोप
इस आंदोलन के अलावा मुंबई में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरिट सौमैया भी लगातार ठाकरे सरकार पर निशाना साध रहे हैं. अस्पतालों में मची अव्यवस्था दिखाते हुए वीडियो उनकी ओर से रोजाना मीडिया को भेजे जा रहे हैं. सोमैया ने हाल ही में आरोप लगाया कि क्वॉरंटीन सेंटर में खाना पहुंचाने के लिए केटर्रस को दिए गए ठेकों में घोटाला हुआ है. अलग-अलग सेंटर पर अलग अलग कीमत से खाना पहुंचाया जा रहा है.


सरकार ने क्या दिया जवाब
बीजेपी की ओर से शुरू की गई इस मुहिम पर शिवसेना और कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई. शिवसेना नेता और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीजेपी के आंदोलन की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा, "ये बेहद शर्मानाक है. सत्ता की हवस नेताओं से क्या करवा सकती है. मुंह से मास्क नीचे करके, कड़ी धूप में बच्चों को खड़ा कर दिया गया है, जबकि उन्हें घर के भीतर रहना चाहिए. कोरोना भूल गए. राजनीति प्यारी है."


बीजेपी की ओर इशारा करते हुए उन्होने कहा कि एक पार्टी की राज्य इकाई ने डर, नफरत और बंटवारे की राजनीति करके निचले स्तर पर गिरने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. जबकि दुनिया ये सब भूल करके एक दूसरे की मदद कर रही है. ये पार्टी महाहामारी भूल गई है.


बीजेपी के आंदोलन पर सत्ताधारी कांग्रेस बिफर उठी. कांग्रेस के नेता आरिफ नसीम खान ने पलटवार करते हुए कहा कि अफसोसनाक है कि ऐसे माहौल में बीजेपी ओछी राजनीति कर रही है. उसे सवाल पूछना है तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों से पूछे, जहां वापस लौट रहे मजदूर बेहाल हैं. कांग्रेस के नेताओं की ओर से गुजरात की ओर भी इशारा किया जा रहा है, जहां बीजेपी की सरकार और जहां बड़े पैमाने पर कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं.


बहरहाल आने वाले वक्त में बीजेपी अपना ठाकरे सरकार के खिलाफ अपनी मुहीम और आक्रमक करने वाली है और ये बताने वाली है कि किस तरह से ठाकरे सरकार कोरोना महामारी से निपटने में नाकामियाब रही है.


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