Maharashtra BJP Mahavijay Sankalp: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक जिले में बीजेपी ने शुक्रवार-शनिवार (10-11 फरवरी) को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की. इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई. बैठक में महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुल ने ‘महाविजय 2024’ अभियान की रूपरेखा पेश की. वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी 200 सीटें जीतेगी. बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव 2024 में अक्टूबर से पहले होना है और राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं.


जैसा कि महाविजय 2024 से स्पष्ट है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी राज्य की लोकसभा सीटों पर भारी जीत हासिल करने का प्रयास करेगी. राज्य में 48 लोकसभा सीटें हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने 48 में से 45 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. यानी बीजेपी अपने मिशन 45 के लिए काम कर रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े मंत्रियों से कहा गया है कि वे कम से कम एक-एक सीट की जिम्मेदारी लें. 18-19 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राज्य का दौरा है. बताया जा रहा है कि शाह के दौरे के दौरान चुनावी अभियान संबंधी मंत्रियों की जिम्मेदारियां तय हो सकती हैं.


उद्धव से नाराज हिंदू वोटरों पर नजर


प्रदेश कार्यकारिणी में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े कहा कि जो हिंदू वोटर बालासाहेब ठाकरे से जुड़े थे वो हिंदुत्व पर उद्धव ठाकरे के रुख को लेकर नाराज हैं. बैठक में हिंदू वोटरों को एकजुट करने और उन्हें अपने पाले में खींचने को लेकर चर्चा की गई. बीजेपी और शिवसेना दोनों पार्टियां कथित तौर पर हिंदूवादी मुद्दों पर मुखर रहती हैं लेकिन पिछले चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो हिंदू मतदाताओं का वोट प्रतिशत राज्य के सभी बड़े दलों में बंटा हुआ दिखाई पड़ा. बीजेपी को 28 फीसदी हिंदू मतदाताओं के वोट मिले, शिवसेना को 19 फीसदी, कांग्रेस को 18 फीसदी और एनसीपी को 17 फीसदी हिंदू वोट हासिल हुए. बैठक में जोर दिया गया कि बीजेपी अगर राज्य के सभी हिंदुओं को अपने पक्ष में लाना चाहती है को पार्टी को 45 से 50 फीसदी हिंदू वोट पाने के लिए काम करना होगा. 


विवादित बयानों से दूर रहने को कहा


कार्यकारिणी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुल ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से बेवजह के विवादों से दूर रहने के लिए भी कहा. उनका इशारा इस ओर था कि बीजेपी के नेता विवादित बयानों से बचें ताकि जनता के बीच पार्टी की छवि खराब न हो. 


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