Maharashtra BJP Expelled 40 of its Leaders: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी नेे अनुशासनहीनता के आरोप में 37 अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के 40 कार्यकर्ताओं/नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से कार्रवाई की यह घोषणा उस समय की गई है जब भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से मिलकर बने महायुति गठबंधन ने अपना बहुप्रतीक्षित घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें महाराष्ट्र को "अभूतपूर्व समृद्धि और विकास" की ओर ले जाने के उद्देश्य से एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है.
बागियों ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता
वैसे तो हर दल में टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के बागी होने का मामला सामने आया है, लेकिन बीजेपी इस समस्या से सबसे ज्यादा परेशान है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के दो पूर्व सांसद भी शामिल हैं. पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में जो दो सबसे बड़ा नाम हैं, वो हैं हीना गावित (नंदुरबार) और ए टी पाटिल (जलगांव). हीना जहां नंदुरबार से चुनाव लड़ रही हैं तो एटी पाटिल जलगांव से मैदान में हैं.
अब भी मैदान में टिके हैं कई बागी
हीना गावित नंदुरबार से 2014 और 2019 में सांसद रह चुकी हैं. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के गोवाल पाडवी से हार गईं थीं. अब उन्होंने विधायक के टिकट के लिए दावा ठोका था, लेकिन टिकट नहीं मिला. इससे नाराज होकर वह निर्दलीय ही उतर गईं. कुछ यही हाल एटी पाटिल का भी रहा. वह भी इस बार एलएलए के टिकट की आस में थे लेकिन पार्टी ने किसी और को उम्मीदवार बना दिया. ऐसे में उन्होंने मोर्चा खोल दिया. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में करीब 30 सीटों पर बीजेपी के बागी अब भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
आखिरी समय में कई बड़े नेताओं को मनाने में सफल रही बीजेपी
बेशक बीजेपी के कई बड़े नाम इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और पार्टी की परेशानी बढ़ा सकते हैं, लेकिन बीजेपी के नेताओं ने कई सीटों पर अपने बागियों को अंतिम समय में मना लिया था. ऐसी कई सीटें हैं जहां से पार्टी से बागी होकर निर्दलीय पर्चा भर चुके नेताओं ने नाम वापस लेने की आखिरी तारीख पर पर्चा वापस ले लिया था. इन नामों में बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी सबसे बड़ा नाम हैं. गोपाल शेट्टी ने बोरीवली सीट से निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन बाद में नाम वापस ले लिया. इनके अलावा सांगली सें बीजेपी के बागी शिवाजी डोंगरे ने भी नाम वापस ले लिया था. गढ़चिरौली से बीजेपी के बागी देवराव होली और गुहागर से बीजेपी के बागी नेता संतोष जैतापकर ने भी आखिरी समय में अपना पर्चा वापस ले लिया था.
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