Maharashtra Politics: बगावत के बाद चाचा शरद पवार से पहली बार मिले अजित पवार तो बीजेपी हुई खुश, जानें क्या है वजह
Aijt Pawar Meets Sharad Pawar: अजित पवार ने करीब दो हफ्ते पहले शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से अलग होकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी.
BJP On Ajit-Sharad Pawar Meeting: महाराष्ट्र में जारी सियासी हलचल के बीच अजित पवार (Ajit Pawar) शुक्रवार (14 जुलाई) को अपने चाचा और एनसीपी चीफ शरद पवार से मिलने पहुंचे. एनसीपी (NCP) में हुई बगावत के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात थी. इस मुलाकात पर अब बीजेपी (BJP) की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. बीजेपी ने अजित पवार के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इससे सीखना चाहिए.
मुंबई बीजेपी प्रमुख आशीष शेलार ने शनिवार (15 जुलाई) को कहा कि राजनीति को राज्य की स्थापित संस्कृति को खराब नहीं करना चाहिए. अगर वे (शरद और अजित पवार) राजनीति और परिवार को अलग रखते हैं, तो इसमें कोई समस्या नहीं है. उद्धव ठाकरे को इससे सीखना चाहिए. शेलार ने आगे कहा कि अजित पवार के आने से बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी-आरपीआई गठबंधन मजबूत हुआ है.
आशीष शेलार ने क्या कहा?
उन्होंने ये भी कहा कि आगामी बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनावों के लिए चारों पार्टियां एकजुट रहेंगी. शेलार ने कहा कि हमारा परिवार बढ़ गया है और हम एक बड़ा परिवार होंगे. हम गठबंधन में हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. मेयर के मुद्दे पर भी समय फैसला किया जाएगा.
अजित पवार ने मुलाकात पर क्या कुछ कहा?
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से मुलाकात को लेकर कहा कि उन्हें अपने परिवार से मिलने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मेरी चाची की तबीयत खराब है और वे अस्पताल में भर्ती थीं. इसलिए मैं उनसे मिलने गया.
शरद पवार की पत्नी की है सेहत खराब
एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार को शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनका ऑपरेशन होना है. एनसीपी नेताओं के बीच वह 'काकी' के नाम से मशहूर हैं. प्रतिभा पवार को पार्टी में अभिभावक के रूप में सम्मान दिया जाता है, लेकिन वह कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं रहीं.
एनसीपी में हुई थी बगावत
गौरतलब है कि अजित पवार एनसीपी के कई नेताओं को लेकर बगावत करते हुए महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने बीती 2 जुलाई को राज्य के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी. उनके साथ एनसीपी के आठ नेता भी मंत्री बने थे. उनके इस कदम के बाद एनसीपी में विभाजन हो गया. शरद पवार और अजित पवार दोनों ही खुद को असली एनसीपी बता रहे हैं.
नए मंत्रियों को विभाग हुए आवंटित
शुक्रवार को ही नए मंत्रियों को विभाग सौंपे गए हैं. जिसमें अजित पवार को वित्त और योजना विभाग का प्रभार सौंपा गया, वहीं उनके साथ सरकार में शामिल हुए एनसीपी के अन्य नेताओं में से कुछ को सहकारिता और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग आवंटित किए गए हैं.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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