(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र में जोर-शोर से सावरकर की पुण्यतिथि मना रही है BJP, शिवसेना के सावरकर प्रेम का टेस्ट
शिवसेना और बीजेपी के तमाम बड़े नेता मंचों से सावरकर के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते रहे हैं.सावरकर को लेकर बार-बार कांग्रेस, शिवसेना के बीच जो खटपट हुई है उससे बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है.
मुंबई: महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद से ही सावरकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कभी राहुल गांधी तो कभी अशोक चह्वाण, कांग्रेस के तमाम बड़े नेता सावरकर को लेकर कुछ ना कुछ बोलते रहते हैं जो शिवसेना के लिए गले की हड्डी बना रहता है. आज सावरकर की पुण्य तिथि है और बीजेपी को शिवसेना को घेरने का एक और मौका मिल गया है. बीजेपी के तमाम बड़े नेता वो चाहे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हों या महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील, सबने मंगलवार को अपने कार्यक्रमों में शिवसेना को सावरकर के मुद्दे पर घेरा. बीजेपी नेताओं ने कहा कि पुण्यतिथि के पर्व पर सावरकर के लिए विधानमंडल में अभिनंदन प्रस्ताव लाया जाए.
जिस तरह से सावरकर को लेकर बार-बार कांग्रेस, शिवसेना के बीच खटपट हुई है उससे बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है. नेतृत्व की तरफ से नेताओं को कह दिया गया है कि पुण्यतिथि जोरों शोरों से मनाई जाए. इसके तहत बीजेपी की तरफ से दादर के स्वामीनारायण मंदिर में वीर सावरकर की पुण्यतिथि मनाने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. चंद्रकांत पाटील ने यह भी साफ किया है कि वह पूरे महाराष्ट्र में सावरकर की पुण्य तिथि मनाएंगे और शिवसेना के सावरकर के प्रेम को भी परखेंगे.
बीजेपी ने कहा कि उनके शासनकाल में किसी के अंदर सावरकर का अपमान करने की हिम्मत नहीं थी. इस नई सरकार के बाद ही कांग्रेस सावरकर के बारे में उल्टा बोलने की हिम्मत जुटा पा रही है. गौरतलब है कि कांग्रेस की मासिक पत्रिका में सावरकर के बारे में कुछ विवादास्पद बातें लिखी थी जिसको लेकर विवाद मच गया था.
कई दशक एक साथ रही शिवसेना और बीजेपी सावरकर के राष्ट्रवाद का समर्थन करती रही हैं. शिवसेना और बीजेपी के तमाम बड़े नेता मंचों से सावरकर के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते रहे हैं. चुनावों के बाद शिवसेना बीजेपी ने एक दूसरे का साथ छोड़ दिया. शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन बना महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सफल रही.
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