Maharashtra Politics: चंद्रकांत पाटिल का उद्धव ठाकरे पर निशाना, कहा- हिंदुत्व हमारा पॉलिटिकल एजेंडा नहीं, हमारी सांस में है
Chandrakant Patil On Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए कहा है कि बीजेपी का हिंदुत्व कोई पॉलिटिकल एजेंडा नहीं है बल्कि सांसों में बसता है.
Chandrakant Patil: महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक घटनाक्रम बदल गया है, सत्ता परिवर्तन हो गया और राज्य को नया मुख्यमंत्री (Chief Minister) भी मिल गया है. शिवसेना (Shiv Sena) पहले भी सत्ता में थी और अभी भी है लेकिन अब शिवसेना दो धड़ों में बटी हुई है. पहले उद्धव (Uddhav Thackeray) की शिवसेना सत्ता पर राज कर रही थी और अब एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सेना सत्ता पर काबिज हो गई है. मामले पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने आज पत्रकारों से बात करते हुए बहुत सी बातें की. उन्होंने इस मौके पर उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा और आड़े हाथों लिया.
उन्होंने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा कि साल 1980 में बीजेपी बनी लेकिन हमने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी, हिंदुत्व हमारी सांस में है. हिंदुत्व हमारा पॉलिटिकल एजेंडा नहीं है लेकिन कुछ का है कभी हिंदुत्व तो कभी नहीं. साल 2019 में जब हिंदुत्व के आधार पर, पीएम नरेंद्र मोदी के विकास कामों के आधार पर और देवेंद्र फडणवीस के कामों के आधार पर चुनाव लड़े. जीते भी फिर बाद में सत्ता के लिए हिंदुत्व को छोड़ दिया.
पालघर में साधुओं की हत्या का उठाया मुद्दा
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पालघर में साधुओं की हत्या हुई तो क्या किया आपने? अयोध्या में जिस दिन भूमि पूजन हुआ तब लाखों हिंदुओं को आनंद हुआ लेकिन आनंद और उत्सव मनाने वालों पर आपने कार्रवाई की. मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने वालों पर टिप्पणी की कि ये अपना घर भरने के लिए ऐसा कर रहे हैं लेकिन घर भरने का इतिहास आपका है. हम अपना घर बेच कर यह सब काम करते हैं. कोरोना में शराब की दुकानें खुली लेकिन मंदिर खुलवाने के लिए आंदोलन करना पड़ा
आरक्षण और किसान बीमा को लेकर उद्धव को घेरा
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि आरक्षण के विषय में कुछ नहीं किया आपने. किसानों के इंश्योरेंस का क्या किया आपने कर्ज की माफी का क्या हुआ. आखरी मीटिंग में आप ये सारी बातें रख रहे हो क्योंकि मालूम है कि सरकार जाने वाली है और अब ये सब कुछ आप सरकार पर डाल रहे हैं कि जो हमने फैसला किया उसे वह लागू करें. अपने कार्यकाल के ढाई साल में क्यों नहीं किया? शहरों के नाम बदले तो पिछले ढाई साल में क्यों नहीं किया. सभी पॉलिटिकल निर्णय आपने आखरी मीटिंग में किए.
सरकार गिरने के बाद बीजेपी का रोल
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और विकास के नाम पर काम करने वाले एकनाथ शिंदे ने जब गुस्सा दिखाना शुरू किया तो उनके साथ लोग जुड़ते गए लेकिन बीजेपी का इसमें कोई रोल नहीं था. यह इनकी आपस की लड़ाई है. हमने बार-बार कहा था कि जब सरकार गिरेने की स्थिति आएगी तो हम उस खाली स्थान को भरेंगे.
बालासाहेब ठाकरे की इच्छा पूरी हुई
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी एक सामान्य शिवसैनिक भी मुख्यमंत्री बन सके. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन वह सामान्य शिवसैनिक नहीं थे. शिवसेना बढ़ाने के लिए उन्होंने भाषण दिए हैं लेकिन जो खून पसीना था वह एकनाथ शिंदे जैसे लोगों ने डाला है. इसीलिए एक सच्चे शिवसैनिक और हिंदुत्व की रक्षा करने वाले को मुख्यमंत्री बनाया गया है.
देवेंद्र फडणवीस के डीसीएम बनने पर सफाई
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) के उप मुख्यमंत्री बनने पर चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने सफाई देते हुए कहा कि वो उपमुख्यमंत्री क्यों बने ये कोई नई बात नहीं है. पहले भी अशोक चौहान मुख्यमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे. उन्होंने आगे कहा कि जब एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि जब इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हो तो प्रशासनिक अनुभव के लिए आप मेरे साथ रहिए. देवेंद्र फडणवीस ने इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व से पूछा. ये कई लोगों की मांग थी कि देवेंद्र फडणवीस को सरकार में रहना चाहिए इसलिए ढाई साल पहले तक जो सीएम (CM) थे उन्होंने डिप्टी सीएम (Deputy CM) बनना स्वीकार किया. इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए अपने पक्ष और अपने नेतृत्व का भरोसा चाहिए.
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