(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP vs ShivSena: किरीट सोमैया पर हमले के बाद बोले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष- 'ऐसा फिर हुआ तो जवाब देंगे, हमारे कार्यकर्ता नहीं रहेंगे चुप'
Hanuman Chalisa Row: हनुमान चालीसा विवाद में अब बीजेपी की भी सीधी एंट्री हो गई है. शनिवार को किरीट सोमैया पर हुए जानलेवा हमले के बाद महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है.
Navneet Rana Hanuman Chalisa Row: महाराष्ट्र में चल रहे हनुमान चालीसा विवाद में अब भारतीय जनता पार्टी की भी सीधी एंट्री हो गई है. हालांकि यह एंट्री बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर हुए हमले के बाद हुई है, लेकिन अब बीजेपी इस पर राज्य सरकार को घेर रही है. शनिवार को किरीट सोमैया पर हुए जानलेवा हमले के बाद महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख ने प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव सरकार पर जमकर हमला किया.
क्या कहा चंद्रकांत पाटिल ने
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, ‘किरीट सोमैया पर हमला जानलेवा ही था. यह घटना थाना परिसर में हुई. अब महाराष्ट्र सरकार पुलिस के सामने हिंसा का प्रचार कर रही है. क्या उद्धव सरकार महाराष्ट्र में केरल या बंगाल जैसे हालात बनाना चाहती है?’ चंद्रकांत पाटिल यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि, ‘एक दिन पहले मोहित काम्बोज पर भी हमला हुआ था. यदि राज्य प्रशासन पुलिस की मदद से कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करेगा, तो भाजपा उसी तरह से जवाबी कार्रवाई करेगी. हमारे कार्यकर्ता भी चुप नहीं रहेंगे.’
क्या हुआ था किरीट सोमैया के साथ
दरअसल, अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. इस ऐलान के बाद शनिवार सुबह से ही शिवसैनिकों ने उनका घर घेर लिया. देर शाम मुंबई पुलिस ने नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को अरेस्ट कर लिया. पुलिस दोनों को गिरफ्तार करके खार थाने ले गई. बीजेपी नेता किरीट सोमैया इन दोनों से मिलने खार थाने पहुंचे ही थे कि उनकी कार पर शिवसैनिकों ने हमला बोल दिया. उन पर जूते-चप्पल भी फेंके गए. इस हमले में उनकी कार का शीशा टूट गया और एक टुकड़ा उनके चेहरे पर भी लगा, जिससे उनके चेहरे से खून आने लगा. इस मामले में सोमैया का आरोप है कि उन पर जानलेवा हमले के बावजूद मुंबई पुलिस ने मामूली घटना की FIR दर्ज की है.
अभी तक बीजेपी दूर से थी इस विवाद में शामिल
इस पूरे मामले को देखने पर पता चलता है कि इससे पहले तक बीजेपी हनुमान चालीसा विवाद में अपरोक्ष रूप से शामिल थी. जब राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने और हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही तो उसके कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार ने राज ठाकरे की जान को खतरा बताते हुए उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान की. वहीं नवनीत राणा को भी इस ऐलान के बाद सरकार ने वाई कैटेगरी की सुरक्षा देने की घोषणा की थी.
ये भी पढ़ें
सामना में शिवसेना का हल्ला बोल, कहा- लाउडस्पीकर, हनुमान चालीसा विवाद देश को डुबाने की साजिश