BMC Elections: OBC आरक्षण को लेकर टल सकता है बीएमसी चुनाव, सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों में दिखी एक राय
BMC Elections: ओबीसी आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति का सबसे ज्वलंत मुद्दों में इस समय शुमार है. कोई भी राजनीतिक दल इतने बड़े वोट बैंक से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहता.
BMC Elections: ओबीसी आरक्षण को लेकर गर्माए मुद्दे के बाद महाराष्ट्र में निकाय चुनाव टाले जा सकते हैं. आगामी बीएमसी चुनावों से पहले ओबीसी रिजर्वेशन को लेकर सर्वदलीय बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई. सभी दल एकमत दिखाई दे रहे हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र की राजनीति के दूसरे बड़े नेता साथ आए और इस विषय पर चर्चा की.
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति का सबसे ज्वलंत मुद्दों में इस समय शुमार है. कोई भी राजनीतिक दल इतने बड़े वोट बैंक से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहता. राज्य के कई निकायों में चुनाव की तारीख नजदीक है. पुणे, मुंबई, कोल्हापुर में नगर निकाय के चुनाव होने हैं. सर्वदलीय बैठक में जो चर्चा छिड़ी है, अगर वह बात लागू हुई तो यह चुनाव टाले जाएंगे. ओबीसी आरक्षण के भविष्य को लेकर हुई बैठक में महाराष्ट्र की राजनीति के सारे बड़े चेहरे साथ आए.
बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर अशोक चव्हाण, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और छगन भुजबल समेत सरकार के तमाम ओबीसी नेता मौजूद थे. जबकि विपक्ष से देवेंद्र फडणवीस, प्रवीण दरेकर, विधायक कपिल पाटिल समेत सभी दलों के नेता मौजूद थे. बैठक से बाहर निकलने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने आरक्षण मिलने के पहले स्थानीय निकाय चुनावों को ना कराए जाने की वकालत की है वरना इससे ओबीसी समाज का काफी नुकसान होगा.
लगाई थी रोक
महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के लोकल गवर्नमेंट बॉडी में ओबीसी आरक्षण की सीमा पर पर कुछ समय पहले रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने तभी स्पष्ट किया था कि आरक्षण की सीमा 50% को पार नहीं कर सकती. कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार पर आक्रमक थी और आरोप लगाया था कि ओबीसी का पक्ष रखने में राज्य सरकार असफल रही है. राजनीतिक गहमागहमी के बीच जानकारों का मानना है कि चुनाव टालना शिवसेना के फायदे का सौदा है.
चुनाव कुछ दिन ही दूर है और बीएमसी में शिवसेना अभी बिल्कुल एक्शन में नहीं आई है. बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा, कवि सम्मेलन और कांग्रेस नेताओं के एक्शन के बूते मुंबई में माहौल बनाना शुरू कर चुकी है लेकिन शिवसेना एकदम ठंडी है. ऐसे में चुनाव की तारीख अगर आगे बढ़ती है तो बीएमसी चुनाव को लेकर शिवसेना को फायदा मिलेगा.
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