Maharashtra 12th Paper Leak: 'एग्जाम से एक घंटे पहले 119 बच्चों के पास था प्रश्न पत्र', महाराष्ट्र पेपर लीक मामले को लेकर क्राइम ब्रांच का नया खुलासा
Maharashtra Paper Leak: क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक अहमदनगर स्थित कॉलेज ने 119 छात्रों को गणित के पेपर लीक किए हैं. इन सभी छात्रों का उसी कॉलेज में सेंटर था और ये वहीं पढ़ते हैं.
Maharashtra board Paper Leak Case: महाराष्ट्र में एचएससी पेपर लीक के मामले में अब क्राइम ब्रांच ने नई जानकारी बताई है. क्राइम ब्रांच को आगे की जांच से पता चला है कि अहमदनगर स्थित कॉलेज ने 119 छात्रों को गणित के पेपर लीक किए हैं. उनका उसी कॉलेज में परीक्षा केंद्र था, जिसमें वो पढ़ते हैं. इसके अलावा क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि मैथ्स का पेपर सौंपने के लिए जिम्मेदार एचएससी बोर्ड के सदस्यों की भूमिका भी संदिग्ध है.
पिछले हफ्ते, मुंबई क्राइम ब्रांच ने अहमदनगर स्थित मातोश्री भगुबाई बम्बरे एग्रीकल्चर एंड साइंस कॉलेज में पेपर लीक होने के मामले को लेकर प्रिंसिपल, शिक्षकों और एक एडमिन सदस्य सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने जांच में पाया था कि कॉलेज ने 3 मार्च को मैथ्स के पेपर की परीक्षा से एक घंटे पहले अपने ही छात्रों को पेपर लीक कर दिया था.
ज्यादा परसेंटेज लाने की नीयत से किया पेपर लीक
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि उस कॉलेज में लगभग 337 छात्र पढ़ते हैं जिसमें से 119 के एग्जाम सेंटर उसी कॉलेज में आया था. उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने ज्यादा परसेंटेज लाने की नीयत से उन्हें पेपर लीक कर दिया और पैसे भी ले लिए, जिसकी जांच की जा रही है. मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम फिलहाल अहमदनगर में है और कॉलेज के मालिक की तलाश में जुट गई है. क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या कॉलेज के अन्य छात्र जिनके पास अलग-अलग परीक्षा केंद्र हैं, उन्हें भी पहले से पेपर मिला है.
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि अभी तक परीक्षाएं चल रही हैं और हम छात्रों को परेशान नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वे नाबालिग हैं. इससे उनकी पढ़ाई पर असर हो सकता है, लेकिन परीक्षा के बाद हम पेपर लीक मामले की तह तक जाने के लिए पूरी तरह से जांच करेंगे. क्राइम ब्रांच को यह भी शक है कि स्कूल चलाने वालों को पेपर सौंपने वाले एचएससी बोर्ड के सदस्य भी शामिल हैं, क्योंकि इस मामले में अधिकारियों ने पाया है कि पेपर उसी रनर को सौंपे गए थे जो कॉलेज से जुड़ा था. बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार बोर्ड उस स्कूल के रनर को पेपर नहीं सौंप सकता. हालांकि वो रनर दूसरे स्कूलों से होना चाहिए.
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