Sleepers Buses: महाराष्ट्र के बुलढाणा में शुक्रवार देर रात एक प्राइवेट स्लीपर बस समृद्धि एक्सप्रेस वे पर पलट गई. नागपुर से पुणे जा रही इस बस के डीजल टैंक में विस्फोट हो गया जिसकी वजह से आग गई. इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई. ड्राइवर समेत 8 लोगों ने किसी तरह से अपनी जान बचाई. हादसे के बाद से स्लीपर बसों को लेकर कई तरह से सवाल उठने लगे हैं.


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बस की बॉडी बनाने वाले डिजायनर्स ने स्लीपर बसों को चलता फिरता ताबूत कहा और मांग की है इन्हें बनाना बंद किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट के लिए एसी बसों को बनाने वाले रवि महांडले ने कहा, “स्लीपर बसों में यात्रियों को बैठाया जाता है लेकिन इनके बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है. हाथ पैर हिलाना भी मुश्किल होता है.”


इसलिए उठ रहे सवाल


उन्होंने आगे बताया, “इस तरह की बसें आठ से नौ फुट ऊंची होती हैं. ऐसे में जब वह अचानक किसी एक तरफ झुकती हैं तो यात्रियों के लिए इमरजेंसी गेट तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है. किसी हादसे के दौरान बस के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए इतनी ऊंचाई पर चढ़ना और रेस्क्यू करना भी काफी मुश्किल होता जाता है.”


प्रोडक्शन रोकने को लिखी चिट्ठियां


रवि महांडले कहते हैं, “मैंने ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को कई पत्र लिखकर यह मांग की है कि स्लीपर बसों के प्रोडक्शन को रोका जाए. हालांकि, दुर्भाग्य से अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला है.”


वो आगे बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान छोड़कर और कहीं भी स्लीपर बसें नहीं चलती हैं. दूसरी तरफ पुणे शहर में ट्रैफिक विभाग अब ऐसी बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट के जांच संबंधी मुहिम भी शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा एक्सपर्ट हाईवे पर स्पीड को लेकर भी लगाम लगाने की वकालत कर रहे हैं. उनका मानना है कि तेज स्पीड भी हादसे की एक बड़ी वजह हैं.”


ये भी पढ़ें: Maharashtra: महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसों में अब तक 88 लोगों की मौत हुई, अधिकारी ने दी जानकारी