एक महीने बाद हुआ ठाकरे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार, मंत्री ना बनाए जाने से दर्जनों नेता नाराज
मंत्रिमंडल विस्तार से कई नेता नाराज़ हैं और अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं. एनसीपी के बीड जिले के विधायक और पूर्व मंत्री प्रकाश सोलंकी तो इतने नाराज़ हैं कि वो अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मंगलवार सुबह बीड से मुम्बई पहुंच गए.
मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी ने अपना एक महीने का कार्यकाल पूरा किया. मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ शिवसेना के सहयोगी दल एनसीपी और कांग्रेस के 2-2 विधायकों ने भी मंत्रिपद की शपथ ली. एक महीने बाद उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और कुल 36 विधायकों को मंत्री बनाया गया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को 26 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री शामिल करते हुए अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया.
इनमें से एनसीपी के 10 कैबिनेट और चार राज्य मंत्री, शिवसेना के आठ कैबिनेट और चार राज्य मंत्री और कांग्रेस के आठ कैबिनेट और दो राज्य मंत्री शामिल हैं. इसके साथ ही एनसीपी के कुल 12 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं. शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं जबकि कांग्रेस के 10 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हैं. मुख्यमंत्री समेत राज्य में अब 43 मंत्री हैं. एनसीपी नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
लेकिन इस मंत्रिमंडल विस्तार से कई नेता नाराज़ हैं और अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं. तीनों बड़े दलों के अलावा छोटे दलों के नेता भी नाराज़ हैं. सबसे पहले बात करते हैं शिवसेना की. उद्धव ठाकरे सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संजय राउत के भाई और विधायक सुनील राउत को मंत्री ना बनाए जाने से संजय राउत नाराज हैं. हालांकि संजय राउत खुद को पार्टी के लिए काम करने वाला सिपाही बताया. देवेंद्र फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामदास कदम, दिवाकर रावते और राज्यमंत्री रहे रविन्द्र वायकर, दीपक केसरकर, ठाणे से विधायक और वरिष्ठ नेता प्रताप सरनाइक मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं.
एनसीपी के बीड जिले के विधायक और पूर्व मंत्री प्रकाश सोलंकी तो इतने नाराज़ हैं कि वो अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मंगलवार सुबह बीड से मुम्बई पहुंच गए. मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा नाराजगी कांग्रेस के नेताओं में है. मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने और पार्टी में नजरअंदाज किए जाने से कांग्रेस का एक बड़ा गुट नाराज़ है जिसमें 2 पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं. मंत्री ना बनाए जाने से पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, तो वहीं बेटी को मंत्रीपद ना मिलने से पूर्व सीएम कुमार सुशील शिंदे नाराज हैं. सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे, पूर्व मंत्री नसीम खान, अमीन पटेल, संग्राम थोपटे जैसे नेताओं ने राज्य कमेटी के सामने नाराज़गी भी जताई है. नाराज नेताओं का आरोप है कि चुनाव के पहले पार्टी विरोधी काम करने वालों को तरज़ीह दी गई. कांग्रेस के वफ़ादार लोगों को किनारे किया गया. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को गुमराह किया.
स्वाभिमानी शेतकारी पार्टी के नेता राजू शेट्टी भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से नाराज़ हैं. राजू शेट्टी पहले बीजेपी के साथ थे और हाल ही में उन्होंने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन का हाथ थामा है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार का गठन 28 नवंबर को हुआ था. ठाकरे के साथ कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, नितिन राउत और शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई व एनसीपी के जयंत पाटिल और छगन भुजबल ने उसी दिन शपथ ले ली थी. अब उद्धव ठाकरे के सामने नाराज़ नेताओं को मनाने के साथ-साथ तीन पहियों की सरकार चलानी भी बड़ी चुनौती है.
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