Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार के नेतृत्व में हुई बगावत के बाद से महाराष्ट्र में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. राज्य में विभागों के बंटवारे को लेकर गतिरोध जारी है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी की सरकार में शामिल होने के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने शपथ ली, लेकिन अजित पवार सहित इन नए मंत्रियों को अब तक विभाग नहीं मिले हैं. विभागों के बंटवारे पर कई दौर की बैठक के बाद भी नतीजा नहीं निकला है. शुक्रवार (14 जुलाई) की शाम तक विभागों के बंटवारे का ऐलान संभव है.
कहां फंस रहा है मामला?
अजित पवार और एनसीपी के बड़े गुट के बीजेपी गठबंधन में आ जाने से शिवसेना शिंदे गुट को झटका लगा है. कई शिवसेना के विधायकों के मंत्री बनने के सपने को झटका लगा है. सत्ता की हिस्सेदारी दो दलों, बीजेपी और शिवसेना के बीच होनी थी लेकिन अब वो हिस्सेदारी तीन दलों में हो गई है.
शिवसेना पहले तो चाहती है कि मंत्रिमंडल का विस्तार मानसून सत्र से पहले हो और शिवसेना विधायकों को मंत्री पद मिले. शिवसेना नहीं चाहती है कि वित्त मंत्रालय एनसीपी के खाते में जाए. जब शिवसेना में शिंदे गुट ने बग़ावत की थी तो शिंदे और उनके साथी विधायकों ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान अजित पवार वित्त मंत्री थे. वो फंड बंटवारे में पक्षपात करते थे.
शिंदे गुट के विधायकों को डर है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार से पहले अजित पवार के साथ शपथ लेने वाले अन्य एनसीपी के आठ मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया गया तो एनसीपी मलाईदार मंत्रालय ले उड़ेगी और उनके हाथ कम बजट वाले मंत्रालय ही लगेंगे.
अजित पवार गुट को कौन से विभाग चाहिए?
अजित पवार डिप्टी सीएम हैं और शिंदे-फडणवीस की सरकार में समान हिस्सेदारी चाहते हैं. मंत्रिमंडल में मलाईदार पद भी चाहते हैं. एनसीपी चाहती है कि उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान जो मंत्री पद एनसीपी के कोटे में थे वो विभाग उन्हें मिले. अजित पवार वित्त मंत्रालय चाहते हैं. इसके अलावा सिंचाई और राजस्व विभाग भी एनसीपी अपने खाते में चाहती है.
बीजेपी क्या चाहती है?
बीजेपी के सबसे अधिक विधायक (105) और निर्दलीय एमएलए के समर्थन होने के बाद भी सीएम पद शिवसेना के पास है. सरकार में 10 मंत्री पद ही हैं. बीजेपी के विधायकों और सीनियर नेताओं में असंतोष होना स्वाभाविक है.
बीजेपी के कई विधायक चाहते हैं कि मौजूदा गठबंधन में जो नेता लोकसभा चुनाव 2024 लड़ना चाहते हैं वो मंत्री पद छोड़ दें और दूसरों को मौक़ा दें. पार्टी ने भले सीएम पद त्याग दिया हो पर पार्टी चाहती है कि वित्त मंत्रालय और गृह विभाग पर पकड़ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की बनी रहे.
महाराष्ट्र में कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं?
महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 43 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं. अब तक मंत्रिमंडल में बीजेपी के 10, शिवसेना के 10 और एनसीपी के 9 मंत्री है. अभी भी 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
बैठकों के दौर के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में एनसीपी के 4 मंत्री बनाए जा सकते हैं. एक कैबिनेट पद होगा. बीजेपी और शिवसेना को 5-5 मंत्री पद मिलेंगे. अजित पवार के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले मंत्रियों में छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, दिलीप वलसे पाटिल, अनिल पाटिल, धर्मराव बाबा अत्राम, संजय बनसोड़े और अदिति तटकरे हैं.
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