Maharashtra Politics: एनसीपी में बगावत के बाद अजित पवार (Aijt Pawar) को महाराष्ट्र की शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन नए मंत्रियों को विभाग आवंटित करने काम लटका हुआ है. अजित पवार ने 2 जुलाई को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी. उनके साथ एनसीपी (NCP) के आठ नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन अभी तक विभाग नहीं बांटे गए हैं.
कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर लंबी बैठकों का दौर जारी है. इसी बीच बुधवार (12 जुलाई) को अजित पवार दिल्ली पहुंचे हैं. उनके साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी आए हैं. देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार दिल्ली में बीजेपी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक करेंगे. सूत्रों का कहना है कि अजित पवार वित्त मंत्रालय चाहते हैं.
महाराष्ट्र में बैठकों का दौर जारी
अजित पवार ने बुधवार को अपने आवास पर एनसीपी के सभी मंत्रियों के साथ बैठक भी की है. ये बैठक करीब 3 घंटे चली. जिसमें मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर चर्चा हुई. एनसीपी के कोटे से मंत्री बने धनंजय मुंडे ने बताया कि पोर्टफोलियो बंटवारे का जल्द ऐलान हो जाएगा और मंत्रियों को विभाग मिल जाएंगे. उन्होंने कैबिनेट विस्तार पर कोई टिप्पणी नहीं की.
सीएम एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
इससे पहले भी सीएम एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फड़णवीस के बीच दो बार बैठक हुई है. तीनों नेताओं ने पहले सोमवार-मंगलवार की रात बैठक की. इसके बाद मंगलवार-बुधवार की रात भी एकनाथ शिंदे के आवास पर तीनों नेताओं की मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. एकनाथ शिंदे गुरुवार से राज्य का दौरा भी शुरू करेंगे.
शिवसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री 13 जुलाई को अपने गृह क्षेत्र ठाणे शहर से अपना दौरा शुरू करेंगे. शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि अजित पवार और आठ अन्य एनसीपी विधायकों के शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल होने के कुछ दिनों बाद सीएम शिंदे लोगों के बीच जा रहे हैं. इस दौरे का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना और अगले साल होने वाले चुनाव से पहले लोगों तक पहुंचना है.
विपक्ष ने साधा निशाना
मंत्रियों को विभाग आवंटित करने में हो रही देरी को लेकर विपक्षी नेताओं ने भी गठबंधन सरकार को निशाने पर लिया है. पूर्व मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि कुछ दिन पहले 9 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी. अभी तक किसी पोर्टफोलियो की घोषणा नहीं की गई है.
उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनके (नए मंत्रियों) पास अधिकार तो है, लेकिन जिम्मेदारी नहीं, सुविधाएं तो हैं, लेकिन काम नहीं. इस बीच असली गद्दार एक साल से अधिक समय से कैबिनेट विस्तार का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें अब मिंधे-बीजेपी की खोखे वाली सरकार में उनकी असली कीमत पता चलेगी.
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