Chandrapur Tiger Attack: महाराष्ट्र वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार (15 दिसंबर) दोपहर को चंद्रपुर जिले में एक 50 साल की महिला को एक बाघ ने मार डाला. मुख्य वन संरक्षक प्रकाश लोनकर ने बताया कि स्वरूपा तेलेतीवार की उस समय मौत हो गई, जब वह यहां से करीब 60 किलोमीटर दूर साओली रेंज के खादी गांव के पास एक खेत में कपास की जुताई कर रही थी.
एक अन्य वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल जिले में बाघों के हमले में कुल 50 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि 44 हमले बाघों ने और छह तेंदुए ने किए. वहीं कल बुधवार (14 दिसंबर) को भी बाघ के हमले के दो अलग- अलग घटनाओं के बारे में पता चला था.
पहले भी हो चुकी है मौत
पूर्वी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में बाघ के हमले को लेकर अलग-अलग घटनाए होती रहती हैं. हाल ही में दो लोगों की मौत बाघ के हमले की वजह से हुई. चंद्रपुर सर्किल के एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि साल की शुरुआत से अब तक जिले में 'मनुष्य-पशु संघर्ष' में 50 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला ताडोबा अंधारी टाइगर का घर है. साओली तहसील के रुद्रपुर गांव में 65 वर्षीय किसान बाबूराव कांबले को भी बाघ ने उस वक्त हमला किया, जब वो अपने खेत जा रहे थे.
कुछ स्थानीय लोगों के शोर मचाने पर भी बाघ उसे जंगल में खींच ले गया. बाद में वन अधिकारियों को उसका शव मिला. चंद्रपुर सर्किल के मुख्य वन संरक्षक प्रकाश लोनकर ने कहा कि शव परीक्षण के बाद कांबले के परिवार को 25,000 रुपये का मुआवजा दिया गया था.
भेड़ चराते वक्त भी किया हमला
चंद्रपुर जिले के मूल तहसील के कांटापेठ निवासी देवराव सोपांकर (55) पर एक बाघ ने उस समय हमला कर दिया जब वह अपने गांव के पास जंगल में भेड़ चरा रहा था. शाम को जब वह वापस नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू की गई तो उसका क्षत-विक्षत शव मिला. चंद्रपुर सर्किल के मुख्य वन संरक्षक प्रकाश लोनकर ने कहा कि ये घटना चिचपल्ली वन क्षेत्र के अंतर्गत हुई.
वन मंत्री अधिकारियों से कहा
महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार चंद्रपुर के संरक्षक मंत्री हैं, उन्होंने गुरुवार (15 दिसंबर) को अपने विभाग के अधिकारियों से उचित कदम उठाकर चंद्रपुर में बाघ-मानव संघर्ष को रोकने के लिए कहा. जिला सूचना कार्यालय के अनुसार, 14 दिसंबर को मूल और साओली तहसील में अलग-अलग बाघों के हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 दिसंबर को खेड़ी में एक महिला की मौत हो गई थी. एक प्रेस रिलीज में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि यदि अधिकारी बाघ-मानव संघर्ष को रोकने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए "परेशान करने वाले बाघों" को पिंजरे में रखा जाना चाहिए. इस साल बाघ के हमले में अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है.