कोरोना के रिकॉर्ड मामले आने के चलते महाराष्ट्र की स्थिति बदहाल बनी हुई है. यहां के अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन की किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के चलते पैदा हुए संकट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपने राज्य के लिए अतिरिक्त चिकित्सीय ऑक्सीजन, टीकों की पर्याप्त आपूर्ति और रेमडेसिविर इवाई के आयात के लिए अनुमति देने की मांग की ताकि कोविड-19 के मामलों में हो रही वृद्धि पर काबू पाया जा सके.


महाराष्ट्र में रोज 1550 मी. टन ऑक्सीजन की जरूरत


यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक डिजिटल बैठक में यह भी मांग की कि यदि संभव हो तो ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट किया जाए. ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए महाराष्ट्र में हर दिन 1,550 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और लगभग 300 से 350 मीट्रिक टन बाहर से खरीदी जा रही है.


उन्होंने कहा कि अगर दूर के राज्यों के बदले पड़ोसी राज्यों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है, तो यह जल्दी उपलब्ध हो सकेगी. बयान के अनुसार ठाकरे ने कहा कि अगर ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट करना संभव नहीं हो तो खाली ऑक्सीजन टैंकरों को परिवहन का समय बचाने के लिए वापस विमानों से भेजना चाहिए.


60 हजार से ज्यादा मरीज ऑक्सीजन पर


राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि खाली टैंकरों को विमान से वापस भेजने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है. ठाकरे ने कहा कि राज्य में 60,000 से अधिक मरीज ऑक्सीजन पर हैं, जबकि 76,300 ऑक्सीजन बेड हैं तथा करीब 25,000 अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है.


 


उन्होंने कहा कि आवश्यकता को देखते हुए महाराष्ट्र को 250 से 300 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलनी चाहिए. ठाकरे ने रेमडेसिविर दवाई की कमी का जिक्र करते हुए कहा, "यह ज्ञात नहीं है कि रेमडिसिविर कितना प्रभावी है, लेकिन यह अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि को निश्चित रूप से कम करता है.’’


 


उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को हर दिन रेमडेसिविर की 70,000 शीशियों की जरूरत है, लेकिन उसे केवल 27,000 शीशी ही मिल रही है. उन्होंने इसके आयात के लिए अनुमति दी जाने की मांग की. ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में अभी टीकों की करीब पांच लाख खुराकें हैं. लेकिन राज्य को 12 करोड़ खुराकों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि केंद्र को महाराष्ट्र को 13,000 ‘जंबो’ ऑक्सीजन सिलेंडर और 1,100 वेंटिलेटर मुहैया कराने चाहिए.