(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पालघर लिंचिंग मामला: महाराष्ट्र CID ने दाखिल की चार्जशीट, कहा- अफवाह के चलते हुई थी घटना, कोई धार्मिक एंगल नहीं
महाराष्ट्र के पालघर में 16-17 अप्रैल की रात को दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सीआईडी ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की.
मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र सीआईडी ने बुधवार को 12,000 पन्नों के साथ दो अलग-अलग चार्जशीट दायर की, जिनमें 250 से अधिक अभियुक्तों को शामिल किया गया. चार्जशीट में कहा गया है कि भीड़ द्वारा हत्या की घटना अफवाह फैलाने का नतीजा थी, अपराध का कोई धार्मिक एंगल नहीं था.
पालघर सेशन कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई है. 6,000 पन्नों की दोनों चार्जशीट में 126 अभियुक्तों को नामित किया गया है, विशेष सरकारी वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि पुलिस अपराध के अन्य संबंधित पहलुओं में जांच जारी रखेगी.
पालघर साधुओं की लिचिंग मामले में 25 आरोपियों को जमानत नहीं दहाणु सेशंस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी.एच. केलुस्कर ने 16 अप्रैल को दो 'साधुओं' और उनके ड्राइवर की लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीटकर हत्या) के संबंध में 25 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. अधिकारियों ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी. विशेष लोक अभियोजक सतीश मानेशिंदे ने बताया कि सभी आरोपियों ने तकनीकी आधार पर जमानत मांगी थी, जिसे मंगलवार को दहाणु सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया.
पालघर में उग्र भीड़ ने उतारा था मौत के घाट 16 अप्रैल को 72 साल के संत महाराज कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के सुशील गिरी महाराज अपने गुरु के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे. उनकी गाड़ी ड्राइवर निलेश तेलगडे चला रहा था. मुंबई से 140 किलोमीटर दूर पालघर में उग्र भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया. कहा जाता है कि यह भीड़ इलाके में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह के चलते जमा हुई थी. भीड़ ने तीनों को गिरोह का सदस्य समझा और पीट कर मार डाला.
घटना का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में गुस्से की लहर फैल गई. वीडियो में यह देखा गया कि पुलिस के लोग संत की रक्षा करने की बजाय उन्हें भीड़ के हवाले कर रहे हैं. असहाय बुजुर्ग साधु की इस तरह से हत्या पर लोगों ने तीखा विरोध जताया. महाराष्ट्र सरकार ने घटना की जांच सीआईडी को सौंप दी. लेकिन लोग इससे संतुष्ट नहीं हुए.
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