Mahrarashtra Politics: महाराष्ट्र के नवनिर्मित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने सीएम पद की शपथ लेते ही अपने ट्विटर (Twitter) प्रोफाइल की डीपी को बदल दिया. एकनाथ शिंदे ने बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के पैरों के पास बैठकर अपनी फोटो लगाई है. शिंदे ने बाला साहेब ठाकरे की फोटो लगाकर महाराष्ट्र और खासकर शिवसेना (Shiv Sena) को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. एकनाथ शिंदे ने बाला साहेब के साथ फोटो लगाकर शिवसेना पर अपना दावा पेश करने की कोशिश की है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में जिस समय से सियासी उठापटक का दौर शुरू हुआ, शिंदे तभी से लगातार बाला साहेब ठाकरे की हिंदुत्व की बात दोहराते रहे हैं. शिवसेना के बागी विधायक महाराष्ट्र में बीजेपी के स्पोर्ट से नई सरकार बनाने में तो कामयाब रहे हैं. लेकिन शिवसेना पर किसका कब्जा होगा इसकी लड़ाई अभी जारी है.


जिस समय एकनाथ शिंदे शिवसेना के बागी विधायकों को लेकर मुंबई से सूरत (Surat) पहुंचे थे. वह तभी से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर उनपर बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व (Hindutva) की विचारधारा के साथ समझौता करने का आरोप लगाते रहे हैं. शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाला साहेब के विचारों को दरकिनार उन लोगों के साथ गठबंधन कर लिया, जिन्हें बाला साहेब कभी पसंद नहीं करते थे. यही नहीं एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक बागी विधायक शुरूआत से ही इस बात का दावा करते रहे हैं कि वो ही असली शिवसैनिक हैं. जो बाला साहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को आगे लेकर जाएंगे.


शिवसेना की दावेदारी को लेकर लड़ाई


महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवसेना पर किसका अधिकार इसे लेकर नई जंग शुरू छिड़ चुकी है. एकनाथ शिंदे शुरूआत से ही अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं. एक तरफ जहां वो बाला साहेब के हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने का दम भर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ शिंदे के पास शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों का समर्थन है. जबकि उद्धव ठाकरे के साथ केवल 15 विधायक हैं. वहीं शिंदे को महाराष्ट्र में बीजेपी का पूरा स्पोर्ट मिल रहा है. बीजेपी हमेशा से ही हिंदुत्व की बात और उसका समर्थन करती रही है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए शिवेसना को अपन कब्जे में बनाए रखने के लिए काफी लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है.  


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा विश्वास मत पर रोक लगाने से इनकार के बाद उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने ऑटो-रिक्शा चालकों और ठेला खींचने वालों को सांसद और विधायक बनाया है. 


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