Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray in Dussehra Rally: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले दशहरा पर्व पर अलग-अलग रैली आयोजित कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे ने दमखम दिखाने की कोशिश की. रैली के जरिए दोनों ने एक दूसरे पर शब्दों के खूब बाण भी दागे.
महाराष्ट्र सीएम शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे के बहाने उद्धव पर जमकर निशाना साधा. साथ ही दावा किया कि आज रावण का दहन किया है. 2024 में देश की जनता इंडिया अलायंस नाम के 'रावण' का दहन करेगी. दोनों नेताओं की ओर से एक दूसरे के लिए 'रावण' और 'जनरल डायर' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.
'वैनिटी वैन में बैठे रहे'
सीएम शिंदे ने रायगढ़ जिले के इर्शालवाड़ी में भूस्खलन हादसे का जिक्र करते हुए कहा, ''इस दर्दनाक घटना के बाद मैं मौके पर पहुंचा था. उस वक्त लोगों ने पहाड़ पर चढ़ने से मना किया था. मैंने उनकी बातों का अनसुना कर दिया था और पहाड़ चढ़ गया. कीचड़ में पहाड़ पर चढ़ने में दो घंटे लग गए थे, लेकिन तुम (उद्धव ठाकरे) जब आए तो वैनिटी वैन में बैठकर मीडिया से बात करके चले गए.''
ठाकरे का नाम लिए बिना एकनाथ शिंदे ने एक और शब्द बाण चलाते हुए कहा, ''जब मुंबई में बाढ़ आई थी, तब बांद्रा इलाका पूरा पानी में डूब गया था. तब तुम (उद्धव ठाकरे) बालासाहेब ठाकरे को मातोश्री में अकेला छोड़कर फाइव स्टार होटल में चले गए थे.'' उन्होंने मंच से अगले साल इंडी अलायंस का रावण जलाने की बात दोहरायी.
'महाराष्ट्र में 48 में से 45 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा'
शिंदे ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी थे, 2019 में भी मोदी थे और 2024 में भी मोदी ही आएंगे. उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हम महाराष्ट्र में 48 में से 45 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.
'बालासाहेब ठाकरे ने कांग्रेस को कभी पास खड़ा नहीं किया'
सीएम शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने कांग्रेस को कभी भी अपने पास खड़ा नहीं किया. सावरकर का अपमान करने वाले मणिशंकर अय्यर को बालासाहेब ठाकरे ने दुत्कारने का काम किया था. आज उनको गले लगाने का काम किया जा रहा है.
'कांग्रेस के साथ जाने की नौबत आने पर कही थी दुकान बंद करने की बात'
उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे कहते थे कि कांग्रेस के साथ जाने की नौबत आई तो अपनी दुकान बंद कर दूंगा. आज ऐसा लग रहा है कि वो अपनी पार्टी कब कांग्रेस में विलीन कर लेंगे, यह पता नही.
'उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा छुपाई थी'
मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की तुलना रामायण के रावण से करते हुए कहा कि जिस तरह रावण ने सीता का हरण करने के लिए साधु का वेश धारण किया था. उसी तरह उद्धव ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा छुपाई थी.
'57 साल में कई बाधाएं आने पर भी नहीं मानी हार'
वहीं, दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा कि 57 साल हो गए, लेकिन हम रुके नहीं. कई बाधाएं आईं, हमने हार नही मानी. आगे भी ऐसे ही इस तरह की भव्य रैली का आयोजन किया जायेगा. इस रैली के बाद हम सभी खोकेसुर का दहन करने वाले है.
'हजारों शिवसैनिकों के दम पर भस्म करेंगे रावण'
उन्होंने कहा, ''रावण एक शिवभक्त था फिर भी राम ने रावण का अंत क्यों किया? जैसे हनुमान ने रावण की सोने की लंका जलाई थी, वैसे ही मेरे सामने बैठे हजारों शिवसैनिकों में दम है कि वो इन रावण को भस्म करेंगे.''
दादर के विशाल शिवाजी पार्क से उद्धव ठाकरे ने कहा, "जलियांवाला बाग की तरह, सराती गांवों में मराठों पर लाठीचार्ज हुआ था. उन्होंने एकनाथ शिंदे की सरकार की तुलना जनरल डायर की सरकार से की. यहीं पर उनके पिता और शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था और उन पर ओजस्वी भाषण देने के आरोप लगे थे.
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