Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) में गोविंदाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिये जाने को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है. इसको लेकर विपक्ष उनपर हमलावर है तो वहीं अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के उद्योग मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) की सफाई सामने आई है. उन्होंने कहा कि राज्य में गोविंदाओं के 5 प्रतिशत आरक्षण को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने किसी को भी 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया है.


उदय सामंत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्पोर्ट्स कोटा का जो 5 प्रतिशत आरक्षण है उसी में भी गोविंदाओं का समावेश किया गया है. हमारी सरकार किसी के साथ भी अन्याय नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसी कई खबरें चल रही हैं कि एमपीएससी के बच्चों को इससे खतरा हो सकता है लेकिन मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहता हूं कि एमपीएससी के बच्चों को इससे किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है.


...तो सीएम करेंगे बच्चों से बातचीत
उदय सामंत ने कहा कि अगर बच्चों के मन में किसी भी प्रकार की शंका है तो मैं उनसे खुद बातचीत करूंगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर बच्चे मेरी बात से सहमत नहीं होते हैं तो मुख्यमंत्री से उनकी बात करवा दूंगा. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि 14-15 साल के बच्चों को नौकरी नहीं दी जाती है. ऐसा कभी नहीं होता है कि कल आरक्षण दिया जाए और वही आरक्षण परसों से मिलना शुरू हो जाए. ये सब मिसअंडरस्टैंडिंग है. 


गोविंदाओं के आरक्षण पर ये बोला विपक्ष
सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा राज्य में गोविंदाओं को आरक्षण दिये जाने पर विपक्षी दल हमलावर हो गये हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने इस पर सवाल उठाए हैं.  वहीं एनसीपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने शिंदे को नसीहत देते हुए कहा कि राज्य का सीएम बनने के बाद आपको भावुक होकर फैसले नहीं लेने होते हैं. 


उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य गोविंदाओं को निराश करना नहीं है लेकिन जो युवक-युवतियां तैयारी करते हैं उनका क्या? गौरतलब है कि सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने हाल ही में दही हांडी प्रतियोगिता को खेल की श्रेणी में मान्यता देने की बात कही थी. इसके साथ ही गोविंदाओं को खेल की कैटेगरी में नौकरी देने की बात कही थी.




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