महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए लगभग 7 दिन हो गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर गुरुवार को बैठक हुई. बैठक में अमित शाह के अलावा, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार शामिल हुए. बैठक 1 घंटे तक चली. बैठक की एक तस्वीर भी सामने आई, जो पूरी कहानी बयां कर रही है. 

इस फोटो में अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा, फडणवीस और प्रफुल्ल पटेल तक सबके चेहरों पर हंसी देखी देखी जा सकती है लेकिन खुद को मुख्यमंत्री रेस से बाहर करने वाले एकनाथ शिंदे के चेहरे पर निराशा को साफ देखा जा सकता है. चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना की ओर से उन्हें लगातार मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया जा रहा था. हालांकि, उन्होंने खुद को महाराष्ट्र का 'लाडला भाई' बताते हुए फैसला पीएम मोदी और अमित शाह पर छोड़ दिया है. 


मुख्यमंत्री पर अभी नहीं हो पाया फैसला


अमित शाह के घर गुरुवार को देर रात तक बैठक के बाद भी सीएम के नाम का ऐलान नहीं हुआ. इस बैठक के बाद शिंदे, फडणवीस और अजित पवार मुंबई लौट आए हैं. बताया जा रहा है कि मुंबई में महायुति की एक और बैठक होगी, उसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी.


फडणवीस या कोई और?


बीजेपी को पिछले तीन चुनाव में 100 का आंकड़ा पार कराने में अहम भूमिका निभाने वाले फडणवीस इस रेस में आगे चल रहे हैं. वे महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं. RSS के भी खास हैं. देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं और दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं. 2014 से 2019 तक उन्होंने अपना 5 साल का पूरा कार्यकाल भी किया था. हालांकि, बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी कुछ मराठा नेताओं के नाम पर भी विचार कर रही है, हालांकि, फडणवीस के बनने की संभावना ज्यादा है. 


एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाना चाहती है बीजेपी


अमित शाह ने एकनाथ शिंदे के साथ करीब आधे घंटे तक अकेले चर्चा भी की. बताया जा रहा है कि बीजेपी की ओर शिंदे की शिवसेना को एक केंद्रीय मंत्री पद और डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है. अगर शिंदे डिप्टी सीएम पद नहीं स्वीकर करते हो उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है और महाराष्ट्र में शिवसेना के किसी और नेता को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई जा सकती है. 


हालांकि, बीजेपी चाहती है कि एकनाथ शिंदे को ही डिप्टी सीएम बनाया जा, ताकि राज्य में एकता का संदेश दिया जा सके. हालांकि, मुख्यमंत्री रहने के बाद शिंदे डिप्टी सीएम पद से गुरेज कर सकते हैं. जब शिंदे उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के साथ आए थे, तब फडणवीस ने पार्टी नेतृत्व के कहने पर डिप्टी सीएम का पद संभाला था. जबकि वे खुद 5 साल मुख्यमंत्री रह चुके थे. 


शिंदे ने क्या रखी डिमांड?

सूत्र ये भी बता रहे हैं कि अमित शाह से मुलाकात कर एकनाथ शिंदे ने अपनी डिमांड रखी. उन्होंने इस बैठक में विधान परिषद के अध्यक्ष पद के साथ राज्य में 12 मंत्री पद देने की मांग की. इनमें कई अहम मंत्रालय भी शामिल हैं. 


किसे कितने मंत्री पद मिल सकते हैं?


माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में महायुति में 6 विधायक पर एक मंत्री का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है. इस हिसाब से बीजेपी को 21-22 मंत्रिपद, शिवसेना को 10-12 और एनसीपी के 8-9 मंत्री बनाए जा सकते हैं. 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं.


अमित शाह से बैठक के बाद क्या बोले शिंदे?


एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से मुलाकात के बाद बताया, वह राज्य में सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के लिये गए फैसले का पालन करेंगे. इससे भाजपा के लिए महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपना उम्मीदवार चुनने का रास्ता साफ हो गया. उन्होंने कहा, यह 'लाडला भाई' दिल्ली आ गया है और 'लाडला भाई' पद मेरे लिए किसी भी अन्य चीज से ऊंचा है.