Maharashtra: सरकार बचाने के लिए क्या उद्धव ने किया था फडणवीस को फोन? जानें क्या है शिवसेना का जवाब
Maharashtra Crisis: उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार को संकट से बाहर निकालने के लिए पुराने साथी बीजेपी से संपर्क साधा लेकिन महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली में किसी उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray Government) पर छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक के बाद एक विधायक शिवसेना (Shiv Sena) का साथ छोड़ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बागी विधायकों के गुट में शामिल हो रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के फैसले पर रोक लगाने के बाद से प्रदेश में जल्द ही नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट तेज होने लगी है.
महाराष्ट्र में जारी इस उथल-पुथल के बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते 21 जून को बीजेपी (BJP) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से बातचीत करने और उनकी सरकार गिरने से बचाने में उनकी मदद करने के लिए उन्हें कॉल किया. लेकिन उद्धव ठाकरे की देवेंद्र फडणवीस से कोई बात नहीं हो पाई. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में बैठे बीजेपी आलाकमान से संपर्क साधा लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. बीजेपी ने साफ संकेत दे दिया है कि महाराष्ट्र में अब उद्धव ठाकरे सरकार का गिरना लगभग तय है. बीजेपी किसी भी हालत में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अपनी पूरी ताकत लगा देगी.
वहीं सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे के फडणवीस के फोन करने वाली बात को शिवसेना ने नकारा है. शिवसेना का कहना है उद्धव ठाकरे को जो भी बात करनी है वह खुलकर सामने आकर करते है.
वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर द्वारा गुवाहाटी पहुंचे शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर नोटिस जारी किया गया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के इस नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी है. शिवसेना नेता संजय राउत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 जुलाई तक डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक लगाए जाने के फैसले पर पलटवार किया है. संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी जा चुके बागी विधायकों के लिए महाराष्ट्र में कोई काम नहीं है. उनके लिए गुवाहाटी में 11 जुलाई तक आराम करने का आदेश दिया गया है.
सरकार बनाने को लेकर बीजेपी-शिंदे गुट के बीच मंथन
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब ऐसी खबरें सामने आ रही है कि बीजेपी और शिंदे गुट मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. सूत्रों की माने तो फिलहाल मंत्री पद को लेकर बीजेपी और एकनाथ गुट के बीच मंथन चल रहा है. सूत्रों की माने तो नई सरकार में शिंदे गुट से आठ विधायक कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं, वहीं पांच विधायकों को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है.
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