महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मध्य मुंबई के दादर में शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक की आधारशिला रखी पर भाजपा और मनसे के नेताओं को आमंत्रित नही किया. दोनों दलों ने मुख्यमंत्री के इस कदम की आलोचना की है. यह कार्यक्रम शिवाजी पार्क के निकट स्थित पूर्व आधिकारिक मेयर बंगले में आयोजित किया गया. यहां 400 करोड़ रुपये की लागत से यह स्मारक बनना प्रस्तावित है.
राज्य के उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता अजित पवार, राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट समेत अन्य नेता इस अवसर पर मौजूद थे. इस परियोजना को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में मंजूरी मिली थी. फडणवीस अभी राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
हालांकि कोविड-19 के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने न तो फडणवीस और न ही उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को आमंत्रित किया.
बीजेपी और मनसे ने इसके लिए शिवसेना नीत सरकार की निंदा की. विधान परिषद में विपक्ष के नेता व बीजेपी नेता प्रवीण डारेकर ने कहा, ‘जब फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने स्मारक को केंद्र की तरफ से मंजूरी दिलाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए. पुराना मेयर बंगला विरासत स्थल है, फिर भी उन्होंने सभी तरह की मंजूरी हासिल करने में मदद की. इसलिए फडणवीस को इस आयोजन के लिए निमंत्रण नहीं देना, शिव सेना का तुच्छ व्यवहार दिखाता है.’
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, ‘अगर कई मंत्री और उनके कर्मचारी पुराने मेयर बंगले में शामिल हो सकते हैं तो राज ठाकरे को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया? राज ठाकरे ने शिव सेना के लिए कई वर्षों तक काम किया. उन्होंने पार्टी में योगदान दिया था लेकिन जानबूझकर उन्हें नहीं बुलाना स्वस्थ राजनीति का परिचायक नहीं है.’