मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता को संबोधित करते हुए कई बातों पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कोरोना को लेकर लोगों को ढिलाई न बरतने का आग्रह किया. आरे कॉलोनी को जंगल घोषित किया. साथ ही धर्मस्थलों को खोलने पर भी अपनी राय जाहिर की. पढ़ें उद्धव ठाकरे का संबोधन.


उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना एक मेहमान है जो बाहर से आया है, घर में घुस गया है और सबको परेशान कर दिया है. कब जाएगा यह मेहमान हम सब पूछ रहे हैं. आज की परिस्थिति भी पहले जैसी ही है. मुझे आप लोगों की चिन्ता है, इसलिए आप लोगों से संवाद करने सामने फिर आया हूं, क्योंकि मैं भी आप ही के परिवार के एक सदस्य के रूप में हूं. कोरोना एक मेहमान की तरह है, बाहरी देश से आया है. चले जाने को कहने पर भी कोरोना बाहर नहीं जा रहा है.


आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड पर 
सीएम ने कहा आरे का जितना भी भाग है, उसे सरकार की ओर से मैं जंगल घोषित करता हूं. मेट्रो और कारशेड का मुद्दा सामने आया था और हमने उसका विरोध किया था, इसका पर्यावरण प्रेमी ने विरोध किया. इसे लेकर कई आंदोलन हुए और उस पर गुनाह दर्ज किया गया. इस मामले में जो भी गुनाह दर्ज किया गया वो सारा मामला सरकार वापस लेगी यह फैसला किया गया है. आरे का जो जंगल है उसे जंगल घोषित करते हैं और जो जगह है उस पर डेवलेपमेंट होगा. आरे में जो कारशेड है उसका क्या होगा, इस पर मैं कहता हूं कि यह कारशेड कांजुरमार्ग में होगा, और यह जगह शून्य पैसे में दी जाएगी.


सरकारी जमीन जनता के लिए दी जाएगी. जो बिल्डिंग का खर्च था करीब 100 करोड़ उसका भी उपयोग किया जाएगा. इसके लिए अजीत पवार, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, मंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री बाला साहेब थोरात सबने इसे लेकर काफी काम किया है उनका मैं धन्यवाद करता हूं. इसमें जो पैसा खर्च किया गया वो पैसा खराब नहीं होगा. आरे में तकरीबन 800 एकड़ जमीन है और इतना बड़ा जंगल शहर के अंदर है. मुम्बई के अंदर ये हमारे लिए गर्व की बात है.


निसर्ग तूफान से नुकसान पर
कोंकण, पूर्व महाराष्ट्र में जो निसर्ग आपत्ति आई उसे लेकर काम कर रहे हैं जो नुकसान हुआ है उसे लेकर पंचनामा हो गया है, और अब भी बारिश की वजह से नुकसान हो रहा है उस सब पर सरकार का ध्यान है किसानों को नुकसान नहीं होगा.


किसानों की हालत पर
किसानों को स्टोरेज के साथ बाजार देना यह हमारी भूमिका है. जो किसान के हित में है वहीं काम करेंगें. जो कानून आया अगर किसान के हित में है तो ठीक है नहीं तो हम किसानों के संगठनों से चर्चा कर रहे हैं उस पर निर्णय करेंगें. कोरोना को लेकर हमने कहा था वर्क फ्रॉम होम, लेकिन किसान यह नहीं कर सकता, किसान को मेहनत करनी पड़ती है. लगभग साढ़े 29 लाख किसानों को कर्ज मुक्त किया गया है.


अनलॉक में हमने कई तरह की बंदी हटाई है, जो आवश्यकता है कर रहे हैं, जांच केंद्र शुरू किया, बेड बढ़ाया है. अब तक तकरीबन राज्य के 29 लाख 50 हजार किसानों को कर्जमुक्त किया गया है. किसानों के बची हुई फसल को कोल्ड स्टोरेज में रखना, उन्हें बाजार के मुताबिक भाव देना, हमारी मुख्य भूमिका है. जो योजना है उस पर ध्यान दिया. शिवभोजन 10 से 5 रुपया किया, आज 2 करोड़ 2 लाख थाली दी गई. ऐसे कई काम किया जा रहे हैं.


किसान कानून पर
केंद्र सरकार के किसान कानून के नफा-नुकसान पर हम विचार कर रहे हैं. अच्छी और बुरी पॉलिसी को लेकर समीक्षा कर रहे हैं जो बेहतर होगा उसका समर्थन जो नुकसानदायक होगा उसका विरोध करेंगे. सारी सुविधा बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं. इसलिए हम कह रहे हैं कि आप अपनी खबरदारी करो और हम इसकी जवाबदारी लेते है. डॉक्टर को धन्यवाद देते हैं.


मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी
महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जो लोगों को विश्वास में लेकर काम कर रहा है. अब अगर जनता ने सोच लिया कि इससे हम जीत सकते हैं तो जीत जाएंगे. आज हमने जो एक मुहिम शुरू की है, हमारा परिवार हमारी जिम्मदारी, यह जिन्होंने शुरू किया उसका मैं धन्यवाद करता हूं. मेरे परिवार का भी टेस्ट किया गया. इसमे जो काम कर रहे हैं सुबह से शाम तक अपनी परवाह नहीं करते हुए काम कर रहे हैं उनका मैं उपकार मानता हूं. ह


मास्क ही बचाव
मे हमारा मास्क ठीक तरह से लगाना चाहिए. महाराष्ट्र मेरा परिवार है, मास्क पहनें नाक और मुह कवर करें, जो हमसे बात कर रहा उसने पहना है कि यह भी ध्यान दें. चार लोगों के साथ खड़े रहने पर भी मास्क लगा कर खड़े रहना चाहिए. अगर किसी ने नहीं लगाया है मास्क तो उसे मास्क अच्छे से लगाने के लिए कहना चाहिए. मास्क इस तरह से लगाएं कि आपके मुंह और नाक पूरी तरह से ढके हों. हाथ बार-बार धोते रहना चाहिए. ये हमारी परम्परा है. जब हमारे परिवार के बड़े ,बचपन मे जब हम खेलकूद कर घर मे आते थे, तो माता -पिता कहते थे कि जाओ और हाथ-पांव अच्छे से धोकर आओ. ये प्रक्रिया कोई नई चीज नहीं है. पहले से हमारे यहां है, बस हम पालन नहीं करते थे, जिसके चलते ये परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं.


लोकल ट्रेन यातायात पर 
लोकल की संख्या बढ़ाई जाएगी, उसके बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रवास करने दिया जाएगा. महाराष्ट्र के अंतर्गत रेलवे सेवा शुरू की गई. मास्क हमारा ब्लैक -बेल्ट है. वायरल को रोकने के लिये ये ब्लैक -बेल्ट पहनना होगा. फिर से लॉकडॉउन की नौबत नहीं लाएं, विदेश में एक बार फिर कई जगह लॉकडाउन लाया गया है. अब सोच लो मास्क चाहिए या लॉकडाउन, किसी भी हाल में लॉकडाउन नहीं लाना है.


कोरोना के मामले कम हो रहा हैे. बेड खाली हो रहे हैं. इसका ये मतलब नहीं कि हम मास्क पहनना छोड़ दें और लापरवाह हो जाएं. ये स्थिति अभी भी आने वाले 6 महीनों तक रह सकती है. इसलिए लॉकडाउन की स्थिति न पैदा हो और फिर से हम और हमारा शहर -राज्य कोरोना की चपेट में न जाए. इसलिए नियमों का पालन करें.


मंदिर खोले जाने पर
कुछ लोग कहते हैं कि यह खुला, वह खुला, तो धर्मस्थल क्यूं नहीं, मेरी जिम्मेदारी है सभी की, कई त्योहार आ रहे हैं घर में समृद्धि आनी चाहिए, मुश्किल नहीं. जल्दबाजी में मंदिर खोलने का निर्णय नहीं लेंगें. धीरे धीरे मंदिर खोला जाएगा. लोकल ट्रेन से हर कोई जाना चाहता है. लोकल की संख्या बढाने के लिए हमने कहा है. 'नो मास्क, नो एंट्री' हर जगह लागू कर रहें हैं. जनता तय करे कि उन्हें मास्क लगाना है या फिर लॉकडाउन चाहते हैं. मेरी सभी से मुम्बई और राज्य के लोगों से अपील है. जिस तरह से आप लोगों ने अब तक सरकार का और मुझे सहयोग दिया,उसके लिए सभी का धन्यवाद और आगे भी सभी के सहकार्य की उम्मीद है.