महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के सैकड़ों हड़ताली कर्मचारियों ने आज मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. दावा है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की. कुछ कर्मचारियों ने उनके आवास की ओर जूते-चप्पल भी फेंके.


इसकी सूचना मिलने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एनसीपी चीफ पवार को फोन किया और उनका हाल जाना. उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से भी बात की और पवार की सुरक्षा में हुई चूक का मसला उठाया. इसके बाद पवार के घर हुए हंगामें की जांच ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर को सौंपी गई है. अधिकारी सिक्योरिटी फेलियर और इंटेलिजेंस फेलियर की जांच करेंगे.


पुलिस ने प्रदर्शन के मामले में 105 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और सभी को गिरफ्तार कर लिया है.


दक्षिण मुंबई में स्थित पवार के घर ‘सिल्वर ओक’ पर सौ से ज्यादा प्रदर्शनकारी पहुंचे थे जिसके बाद मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया. कुछ समय के लिए एनसीपी प्रमुख के घर के बाहर हंगामा हुआ.


कर्मचारियों ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की अपनी मांग पर कायम हैं. एमएसआरटीसी के हजारों कर्मचारी खुद को राज्य सरकार के कर्मचारियों का दर्जा देने और निगम के विलय की मांग को लेकर नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं. तीन दलों शिवेसना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्रालय एनसपी के पास है और अनिल परब परिवहन मंत्री हैं.


पवार की बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने घर के बाहर प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और कहा कि वह उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना है कि अंदर मौजूद उनके माता-पिता सुरक्षित हैं.




सुले ने प्रदर्शनकारियों से गुहार लगाते हुए कहा, ''मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए तैयार हूं. कृपया सहयोग करें. मेरे पिता, मां और बेटी घर के अंदर हैं. मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए तैयार हूं. मुझे पहले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने दें.''


एनसपी नेता व महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने कहा कि कर्मचारियों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था. उन्होंने ट्वीट किया, ''विरोध प्रदर्शन ने जो अवांछनीय मोड़ ले लिया है वह ठीक नहीं है. मुंबई में राकांपा प्रमुख शरद पवार के आवास के बाहर प्रदर्शन अनावश्यक था .''


उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि अच्छी तरह से पता है कि इन प्रदर्शनकारियों को कौन उकसा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिये तैयार है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की 'झांसा देने वाली' सरकार है.


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