मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा कि मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 फीसदी और नौकरी में 13 फीसदी आरक्षण मिलनी चाहिए.


इससे पहले आज दिन में उद्धव ठाकरे ने सरकार में शामिल गठबंधन दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.


बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मराठा को आरक्षण देने वाले कानून को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि 1992 में मंडल फैसले के तहत निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के उल्लंघन के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है.


नौकरियों और दाखिले में मराठों को आरक्षण देने के लिए 2018 में राज्य की तत्कालीन बीजेपी नीत सरकार ने एसईबीसी (सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा समुदाय) अधिनियम पारित किया था.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह केंद्र से 'हाथ जोड़कर' अनुरोध कर रहे हैं कि जिस तत्परता के साथ उसने अनुच्छेद 370 और अन्य विषयों पर कदम उठाया उसी तत्परता के साथ वह इस संबंध में भी दखल दे.


उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण का निर्णय महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से लिया गया था और यह गायकवाड़ आयोग की सिफारिश पर आधारित था लेकिन, शीर्ष अदालत ने उसे इस आधार पर निरस्त कर दिया कि राज्य को इस तरह के आरक्षण देने का हक नहीं है.


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