मुंबई: कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार के नए कृषि कानून का खुलकर विरोध कर रहे हैं. इस बीच खुलासा हुआ है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने अगस्त में ही इसपर अध्यादेश जारी कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी ने बिल का खुलकर विरोध किया है. वहीं, शिवसेना की भूमिका चिट भी मेरा पट भी मेरा रही है.
बता दें कि 10 अगस्त 2020 को राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा लाए गए किसान बिल के तीनों अध्यादेशों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए थे. पिछले महीने तक महाराष्ट्र उन शुरूआती राज्यो में था, जो इस अध्यादेश को तत्काल और सख्ती से लागू करना चाहते थे. दो पेज पेज के इस ऑर्डिनेंस को 10 अगस्त 2020 के दिन मार्केटिंग के स्टेट डायरेक्टर सतीश सोनी ने सभी बाजार समिति को सख्ती से लागू करने को कहा था.
कृषि विधेयकों पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की अलग-अलग भूमिका देखने को मिली हैं. हालांकि बोलने के नाम पर तीनों ने इस बिल का विरोध किया है.
शिवसेना भी हमारे साथ- कांग्रेस
दो दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा था कि महाराष्ट्र में इन कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा. थोराटा ने कहा, "संसद द्वारा पारित बिल किसान विरोधी है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. महाविकास अघाड़ी भी इसका विरोध करेगी और महाराष्ट्र में इसे लागू नहीं होने देगी. शिवसेना भी हमारे साथ है. हम एक साथ बैठेंगे और एक रणनीति बनाएंगे."
इस खुलासे के बाद सवाल खड़ा होता है कि अगर कांग्रेस और एनसीपी इस कानून की विरोधी है तो राज्य में पहले ही अध्यादेश कैसे जारी कर दिया गया, वो भी तब जब इन कृषि विधेयकों पर कोई विचार ही नहीं किया गया था.
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी
बता दें कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कई नेताओं ने ऐलान किया कि वे इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. पंजाब में किसानों का ‘रेल रोको’ आंदोलन जारी है. किसानों ने प्रदर्शनों को दो अक्टूबर तक जारी रखने की घोषणा की है. किसान-मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारी 24 सितंबर से जालंधर, अमृतसर, मुकेरियां और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर बैठे हैं. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात, गोवा, ओडिशा और तमिलनाडु में कांग्रेस और विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया.
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