मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार कब और कैसे बनेगी? इस सवाल का जवाब आज चुनाव नतीजों के 26 दिनों बाद भी नहीं मिला है. इस बीच कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी हाईकमान को चेताते हुए कहा है कि सरकार गठन को लेकर जल्द से जल्द फैसला लें. इन विधायकों ने सोनिया गांधी से शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर निर्णय लेने के लिए कहा है. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को चेताया है कि देरी से नुकसान हो सकता है.


महाराष्ट्र कांग्रेस कोर कमेटी के सूत्रों ने कहा, ''हमने सभी विधायकों की इच्छा हाईकमान को पहले ही बता दी. 41 विधायक सरकार में शामील होने के पक्ष में हैं . 3 विधायक शिवसेना के साथ जाने के खिलाफ हैं. मुंबई के अमीन पटेल, वर्षा गायकवाड़ और एक ग्रामीण इलाके के विधायक ने गठबंधन नहीं करने की बात कही है.''


बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद अब शरद पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है. इसके लिए कई दौर की बैठकें भी हो चुकी है. शिवसेना नेताओं की मानें तो तीनों दलों ने सरकार चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तैयार कर लिया है.


हालांकि कल शरद पवार के बयान ने महाराष्ट्र का सस्पेंस और बढ़ा दिया. पवार ने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं हुई और सोनिया से यह मुलाकात उन्हें सिर्फ मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी देने के लिए थी.


महाराष्ट्र में सस्पेंस और बढ़ा, सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पवार बोले- सरकार बनाने पर चर्चा नहीं हुई


महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे और वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को हुई थी. सूबे में बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा 145 विधायकों का है. बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थी. मुख्यमंत्री पद पर साझेदारी को लेकर दोनों दलों में सहमति नहीं बनी. जिसकी वजह से सरकार नहीं बन पाई. कांग्रेस ने 44 और एनसीपी ने 54 सीटें जीती. अब शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाना चाहती है. महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है.