मुंबईः महाराष्ट्र में 19 फरवरी को मनाई जाने वाली शिवाजी महाराज जयंती को लेकर राज्य सरकार की तरफ से नई गाइडलाइंस जारी की गई है. गृहविभाग ने आदेश जारी करते हुए शिवाजी जयंती सादगी से मनाने की अपील की गई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कहना है कि कांग्रेस एनसीपी के दबाव में उद्धव सरकार शिवाजी जयंती पर नियम लाद रही है. हिंदवी स्वराज के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी को मनाई जाती है. मशाल लिए हजारों की संख्या में शिवाजी महाराज के अनुयायी 18 फरवरी की रात 12 बजे रायगढ़ किले पर उत्सव मनाने जाते हैं.


महाराष्ट्र की उद्धव सरकार कोरोना काल के कारण शिवाजी जयंती के सार्वजनिक कार्यक्रम को अनुमति नही दी. राज्य सरकार इस बार ऑनलाइन कार्यक्रम की व्यवस्था पर जोर दे रहा है. सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के मुताबिक जयंती माने के लिए किसी भी तरह की कोई भी रैली की अनुमति नहीं दी गई है.


गाइडलाइन के मुताबिक शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पण कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 100 व्यक्ति की उपस्थिति की अनुमति दी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले जो सरकार की गाइडलाइंस थी उसके अनुसार सिर्फ 10 लोगो को अनुमति दी गई थी लेकिन विरोधी पार्टी की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की जिसमे 100 लोगो को अनुमति दी गई है.


बीजेपी नेता राम कदम का कहना है कि शिवाजी जयंती को लेकर हम सरकार की कोई भी गाइडलाइन नही मानते हैं. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में शिवाजी जयंती महज 100 लोगो को लेकर मनाना चाहती है. हिंदुओ के पर्व-त्योहारों को लेकर सरकार के नियम बनते है और शराब की दुकान रात भर चले. सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आजाद मैदान में किसान आंदोलन, यलगार परिषद का आयोजन को इजाज़त देती है.


महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेख का कहना है कि राज्य सरकार को लोगो की जान की चिंता है. बीजेपी राजनीति कर रही है. शिवसेना से गठबंधन टूटने का असर बीजेपी पर दिख रहा है. कोरोना संकट अभी खत्म नही हुआ है. राज्य सरकार जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रही है. बीजेपी सिर्फ शिवाजी जयंती के नाम पर मुद्दा हाइजैक करना चाहती है.


वही एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा की बीजेपी को राजनीति की चिंता है. बीजेपी को लोगों की जान की चिंता नहीं है. सरकार ने शिवाजी जयंती को लेकर जो गाइड लाइन बनाई है उसका लोगों को पालन करना चाहिए. बीजेपी लोगो को भड़काने का काम ना करे.


सत्ता में बैठी शिवसेना शिवाजी जयंती मनाने पर सोच समझकर कदम उठा रही है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार 19 फरवरी को शिवाजी महाराज की जयंती मनाती है पर शिवसेना हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक शिवाजी महाराज का जन्मदिन मनाती रही है.


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