महाराष्ट्र: राज्य में लागू हुआ कोरोना कर्फ्यू, प्रवासी मजदूरों ने शुरू किया पलायन
महाराष्ट्र में बेकाबू कोरोना आंकड़ों को देख अब सरकार ने पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है. वहीं, राज्य के मजदूर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि हम यहां रहेंगे तो खाएंगे क्या?
मुंबई: महाराष्ट्र में बेकाबू कोरोना आंकड़ों ने प्रशासन समेत सरकार की नींद उड़ा कर रख दी है. प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा बीते दिन के रिकॉर्ड को तोड़ तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं, कोरोना पर रोकथाम के लिए अब सरकार ने पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है.
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज रात आठ बजे से अगले 15 दिनों तक धारा 144 लागू करने का फैसला लिया है. उन्होंने इसे ‘ब्रेक द चेन’ नाम दिया गया है. मंगलवार की रात को इसका ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि ‘बेवजह लोगों के आने-जाने पर पाबंदी रहेगी.’ इसके साथ ही, राज्य के सभी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है. हालांकि, आवश्यक सेवाओं में लगी चीजों को छूट दी गई है.
हम खाएंगे क्या?- प्रवासी मजदूर
वहीं, अब राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूर सैक्ड़ों की तादाद में अपने गांव लौटने को मजबूर हो गए हैं. उनका कहना है कि, "अब जैसे कि कर्फ्यू लगा दिया गया है. हम यहां रहकर क्या करेंगे? हमें ना काम मिलेगा ना ही हमारे पास पैसे होंगे और ना ही हम अपना घर चला पाएंगे. हम यहां रहेंगे तो खाएंगे क्या?"
हम दोबारा लॉकडाउन वाली परिस्थिती से नहीं गुजरना चाहते- प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूरों ने कहा कि, "हमने पिछले लॉकडाउन में भारी परेशानियों का सामना किया था. हम दोबारा उसी परिस्थिती से नहीं गुजरना चाहते इसलिए हम बिना देरी करें अपने गांव लौट रहे हैं. हमें नहीं पता स्थिती कब सामान्य होगी पर जब भी राज्य में कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसी चीज नहीं होगी तो हम वापस आ जाएंगे. पर इस वक्त हमारा यहां से चले जाना ही बेहतर है."
आपको बता दें, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 37 लाख के पार जा पहुंचा है वहीं, इस महामारी के चलते करीब 60 हजार लोगों ने अपनी जान गवां दी है.
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