मुंबई: देश में जहां कोरोना से संक्रमितों की संख्या एक लाख 58 हजार के ऊपर जा चुकी है. वहीं महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक करीब 60 हजार लोग संक्रमित हुए हैं. यह आंकड़ा देशभर में सबसे ज्यादा है. मुंबई यूनिवर्सिटी के रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति चिंताजनक नहीं है.
मुंबई यूनिवर्सिटी के इस रिसर्च के मुताबिक़, पिछले हफ़्ते महाराष्ट्र में एक दिन में 3000 मामले आ रहे थे जो पिछले कुछ दिनों से 2000 से 2500 हो रहे हैं. जो महाराष्ट्र के कोरोना के ग्राफ़ को ऊपर की बजाए स्थिर रख रहा है और आनेवाले कुछ दिनों में नीचे भी ले आएगा.
इसके अलावा महाराष्ट्र में खासतौर पर मुंबई में भले ही मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन उनमें कोरोना से रिकवरी रेट 32% तक पहुंच गई है. महाराष्ट्र में कोरोना की ग्रोथ रेट की बात की जाए तो यह 6% ही है, वहीं महाराष्ट्र का मृत्यु दर अभी 4 % है.
महाराष्ट्र की बड़ी आबादी को देखते हुए ये आंकड़े स्थिर और दूसरे राज्यों की तुलना में समान भी हैं. केवल मुंबई की आबादी 1.5 करोड़ है, और एशिया के सबसे बड़े स्लम में से 40 स्लम केवल महाराष्ट्र में है जिसके चलते सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन होना मुश्किल साबित हुआ और मामले बढ़ने लगे लेकिन फिर भी स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं गई.
लेकिन अब मुंबई के प्रवासी मज़दूरों की संख्या जैसे-जैसे घट रही है वैसे-वैसे मुंबई के धारावी जैसे हॉटस्पॉट में मरीज़ों की संख्या भी कम हो रही है. रिसर्च के मुताबिक़ अगर महाराष्ट्र के कोरोना का डबलिंग रेट 20-40 दिन तक बढ़ा भी देता है फिर भी महाराष्ट्र में रोज़ाना 1000 से 1500 मरीज़ आएंगे. रिसर्च के मुताबिक़ एक महीने के अंदर स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी. लेकिन कुछ महीनों तक कोरोना की लहर महाराष्ट्र में आम रहेगी.
इस रिसर्च के ज़रिए महाराष्ट्र का कोरोना ग्राफ 21 जुन तक नियंत्रण में आने की बात सामने आ रही है. बशर्ते लोग प्रशासन द्वारा दिए गए नियमों का पालन करें और खुद को सुरक्षित रख तो ऐसा हो सकता है.
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