मुंबई: कोरोना संकट के बीच कोरोना के इलाज को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. महाराष्ट्र में होम आईसोलेशन में कोरोना का इलाज करवाने पर रोक लगा दी गई है. कोरोना पीड़ित होने पर पर आईसोलेशन सेंटर जाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मतलब है कि कोरोना पीड़ित होने पर घर में रहकर कोरोना का इलाज नहीं करवा पाएंगे.


बता दें कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर का सबसे असर महाराष्ट्र में ही देखने को मिला है. दूसरी लहर में अब धीरे धीरे महाराष्ट्र में हालात काबू में आ रहे हैं. कोरोना मरीज के आंकड़ों में सुधार भी देखा जा रहा है. इसी को देखते हुए महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने यह फैसला लिया है. 


महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, ''हमने हाई पॉजिटिविटी रेट वाले 18 जिलों में होम आईसोलेशन बंद करने का फैसला किया है. इन जिलों के मरीजों को क्वारंटीन सेंटर जाना होगा, होम आईसोलेशन की अनुमति नहीं होगी.''


बता दें कि आज महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना पर एक रिव्यू मीटिंग की थी. डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी शामिल थे. होम आईसोलेशन बंद किए जाने के फैसले को लेकर अभी विस्तार से जानकारी सामने नहीं आयी है.


महाराष्ट्र में कोरोना वायरसके 22,122 नए मामले,  361 की मौत


महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 22,122 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 56,02,019 हो गई. इसके अलावा 361 और रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद 89,212 तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी.


संक्रमण से उबरने वालों की संख्या नए रोगियों की तुलना में अधिक रही. स्वास्थ्य विभाग के एक बयान के अनुसार दिनभर में 42,320 लोगों को छुट्टी दी गई, जिसके साथ ही ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 51,82,592 हो गई. विभाग ने कहा कि राज्य में कोविड-19 से उबरने की दर 92.51 प्रतिशत जबकि मृत्युदर 1.59 फीसदी है.