मुंबई: महाराष्ट्र अब भी कोरोना ग्रस्त सबसे बड़ा राज्य बना हुआ है. मुंबई में कोरोना वायरस अब अस्पतालों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. अब तक वायरस के संक्रमण के चलते शहर के दो बड़े अस्पतालों को सील किया जा चुका है. इन अस्पतालों के सभी डॉक्टर, नर्स, मरीज, लिफ्ट मैन, चपरासी सभी की जांच कराई जा रही है.
मुंबई सेंट्रल इलाके का बड़ा अस्पताल वॉकहार्ड हॉस्पिटल मुंबई महानगरपालिका ने सील कर दिया है. अस्पताल के बाहर पुलिस के जवान तैनात हैं. मंगलवार सुबह तक इस अस्पताल के 52 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. अब सभी अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों को अस्पताल के भीतर ही क्वॉरंटीन करके रखा गया है.
जब तक दो बार टेस्ट के बाद ये लोग निगेटिव नहीं आते तब तक किसी को भी बाहर नहीं निकाला जायेगा. अस्पताल में 17 मार्च को एक दिल की बीमारी का मरीज एडमिट हुआ था. 26 मार्च को उसे जब सर्दी-खांसीं हुई तो उसका टेस्ट कराया गया जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद उन सभी डॉक्टरों और नर्सों के टेस्ट कराये गये जो कि उस मरीज के संपर्क में आये थे.
मुंबई के पेडर रोड पर जसलोक हॉस्पिटल दूसरा बड़ा अस्पताल है जिसे सील किया गया है. इस अस्पताल का एक मरीज जो कि किसी दूसरी बीमारी के लिये यहां भर्ती था कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद अस्पताल के करीब 1000 कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया. टेस्ट में तमाम कर्मचारी निगेटिव आये हैं लेकिन एहतियातन अस्पताल को बीएमसी ने सील कर दिया है.
डॉक्टरों का कहना है कि हेल्थ केयर वर्कर इस वक्त सबसे ज्यादा जोखिम भरे हालात में काम कर रहे हैं. सरकार की ओर से एहतियाती मास्क और दूसरी सामग्री का इंतजाम किये जाने की सख्त जरूरत हैं. अगर एक के बाद एक अस्पताल इस तरह से सील होते जायेंगे और स्वास्थ्यकर्मी खुद कोरोना की चपेट में आते जायेंगे तो सवाल ये है कि आखिर मरीजों का इलाज कहां होगा?
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