Maharashtra Crime: महाराष्ट्र के धाराशिव जिले से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां पर खेतों में काम करने वाले मजदूरों से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही था. महाराष्ट्र पुलिस ने ऐसे 11 मजदूरों को रेस्क्यू किया है उनको उनके मालिकों ने जंजीर से बांधकर रखा था.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन मजदूरों को जंजीर से बांधकर रखा जाता था और खेतों में काम कराया जताया था. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. फिलहाल पुलिस सुत्रों का कहना है कि यह काम एक संगठित रैकेट से करवाया जा रहा है. जिसमें एजेंट और कुआं खोदने वाले ठेकेदार शामिल हैं, जो बेरोजगार लोगों को फंसा करके जबरदस्ती काम करवा रहे हैं.
तीन ठेकेदारों को किया गया है गिरफ्तार
महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन ठेकेदारों को अपहरण, मानव तस्करी और अन्य अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया है. ढोकी थाने में दर्ज मामले में एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान कृष्णा शिंदे (22), संतोष जाधव (40) और रंजीत साबले (24) के रूप में की है, जो सभी भूम तहसील के निवासी हैं. उनको अदालत में पेश कर तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
जंजीरों से बांधकर रखे गये थे मजदूर
मजदूरों को 15 दिन से लेकर 4 महीने तक जंजीरों से बांध कर रखा गया था. उनमें से छह को वखरवाड़ी साइट से और पांच को खमसवाड़ी साइट से बचाया गया था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक जगह पर मजदूरों को एक निर्माणाधीन कुएं में बांध कर रखा गया था और दूसरे स्थान पर उनको ट्रैक्टर से बांध कर रखा गया था.
जांच से यह भी पता चला है कि मजदूरों को कई घंटों तक सोने के लिए ड्रग्स खाने के लिए मजबूर किया जा रहा था. पुलिस जांच के मुताबिक यह एजेंटों का एक संगठित नेटवर्क है जो रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर रोजगार की तलाश में बेरोजगार पुरुषों की तलाश करते हैं और उनको अच्छा पैसा देने के वादे के साथ खेतों में ठेकेदार के पास लेकर जाते हैं.
कैसे सामने आई यह घटना?
16 जून को हिंगोली जिले के सेनगांव के एक कर्मचारी संदीप गुक्से (23) के चेन तोड़ने और साइट से भागने में कामयाब होने के बाद यह घटना सामने आई. जिला एसपी अतुल कुलकर्णी ने बताया, प्रथम दृष्टया यह एजेंटों का एक संगठित नेटवर्क प्रतीत होता है, जो रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर रोजगार की तलाश में बेरोजगार पुरुषों की तलाश करते हैं, और उनको अच्छे वेतन का वादा करके ठेकेदारों को सौंप देते हैं और फिर उनके साथ अत्याचार होता है.
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