नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया है. फडणवीस के इस्तीफे के कुछ मिनट पहले एनसीपी के बागी नेता अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. फडणवीस ने इस्तीफे का एलान प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया और फिर राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया.


उन्होंने कहा, ''हम विधानसभा चुनाव में शिवसेना के साथ लड़े और बीजेपी-शिवसेना को बहुमत मिला. हमारा स्ट्राइक रेट अच्छा था.'' फडणवीस ने कहा कि चुनाव से पहले शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि जो तय ही नहीं था वह मांग की गई, शिवसेना ने यहां तक कह दिया कि हमारे रास्ते खुले हैं. यहां ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना दोनों साथ चुनाव लड़ी थी.


फडणवीस ने और क्या कुछ कहा?


देवेंद्र फडणवीस इस्तीफे का एलान करते हुए कहा कि हम मजबूत विपक्ष का काम करेंगे. तीन पहियों वाली सरकार नहीं चलेगी. उन्होंने दोहराया कि जनता ने बीजेपी को बहुत दिया था.


देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दोनों नेताओं को 23 नवंबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई थी. राज्यपाल के फैसले को शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल शाम पांच बजे तक विधायकों को शपथ दिलाई जाए और इसके ठीक बाद फ्लोर टेस्ट हो. अब बहुमत साबित किए जाने से पहले ही अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया. इसके ठीक बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने इस्तीफा का एलान किया.


महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम LIVE पढ़ें-


सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आज अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात भी हुई. इसी के बाद अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे की खबर के बीच शिवसेना ने दावा किया कि अजित दादा (अजित पवार) हमारे साथ हैं. शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि अब पांच साल के लिए उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे.


कल ही शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने मुंबई के हायात होटल में शक्ति प्रदर्शन किया था. इस दौरान तीनों दलों ने दावा किया था कि यहां पर 162 विधायक हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने चुनाव बाद गठबंधन किया.


महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले गए थे और 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों की घोषणा हुई थी. नतीजों के ठीक बाद शिवसेना ने बीजेपी से मुख्यमंत्री पद की मांग कर डाली. बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया. इसी आधार पर शिवसेना ने बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया.


शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी से बातचीत शुरू की. 22 नवंबर को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सहमत हो गई. लेकिन अचानक सभी को चौंकाते हुए अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिला लिया और 23 नवंबर को उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.


सूबे में कुल 288 सीटें हैं और सरकार गठन के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है. 24 अक्टूबर को आए चुनाव नतीजों के मुताबिक, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसके पास 105 विधायक हैं. शिवसेना दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 56 विधायक हैं. एनसीपी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 54 विधायक हैं. वहीं चौथी सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 44 विधायक हैं. विधानसभा चुनाव