Devendra Fadnavis Meet JP Nadda: महाराष्ट्र में पैदा हुई राजनीतिक अस्थिरता के बीच महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और फिर बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस दौरान पूर्व सीएम ने दोनों नेताओं से महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर चर्चा की. अमित शाह के साथ 40 मिनट तक बैठक हुई जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बैठक चली. राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की कोर कमेटी की बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस दिल्ली आए हैं.
शिवसेना के 40 बागी विधायकों सहित महाराष्ट्र के लगभग 50 बागी विधायक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं. इससे पहले आज दिन में शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा और देवेंद्र फडणवीस को एमवीए सरकार के संकट में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी. राउत ने कहा था कि अगर वे ऐसा करते हैं, तो उनकी पार्टी (भाजपा), फडणवीस और पीएम मोदी का नाम खराब हो जाएगा.
क्या है मौजूदा स्थिति?
महाराष्ट्र में शिवसेना और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट के बीच सियासी खींचतान अब सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गई है. अलग हुए खेमे की ओर से दायर याचिका में शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई को चुनौती दी गई दी. जिस पर बीते दिन सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को राहत दी थी. कोर्ट ने बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी नोटिस में पेश होने का समय बढ़ाकर 12 जुलाई, शाम 5.30 बजे तक कर दिया था.
2019 में चुनाव के बाद फडणवीस बने थे सीएम
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना अलग हो गई थी. इसके बाद एनसीपी के अजीत पवार के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई और फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन अपने डिप्टी और एनसीपी नेता अजीत पवार के पद छोड़ने के बाद जल्द ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था.
शिवसेना ने बीजेपी छोड़ एनसीपी, कांग्रेस के साथ बनाई थी सरकार
फडणवीस के पद छोड़ने के बाद, शिवसेना (Shiv Sena), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) ने चुनाव के बाद गठबंधन करके उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चुना था. 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थी. अब करीब ढाई साल बाद शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बगावत करने के बाद इस गठबंधन सरकार में उथल-पुथल मच गई है.
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