Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी, एकनाथ शिंदे गुट का दावा- समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या होगी 50 पार
Deepak Kesarkar On Maharashtra: एकनाथ शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने कहा है कि एक से दो और विधायक हमारे साथ आएंगे. उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ ताकत 51 हो जाएगी.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र का सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) के बागी गुट ने विधायकों के समर्थन को लेकर बड़ा दावा किया है. शिंदे गुट का दावा है कि शिवसेना के उनके समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 50 को पार कर जाएगी. शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायक दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने कहा है कि हम तीन या चार दिनों में एक निर्णय पर पहुंचेंगे और उसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे.
एकनाथ शिंदे गुट के नेता केसरकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा है कि एक से दो और विधायक हमारे साथ आएंगे. उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी ताकत 51 हो जाएगी. बागी गुट के पास फिलहाल शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है.
महाराष्ट्र का सियासी घमासान
एकनाथ शिंदे अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं. उन्होंने शिवसेना के 37 विधायकों के समर्थन के साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका भी दाखिल की है. उधर, उदय सावंत विद्रोही खेमे में शामिल होने वाले महाराष्ट्र के नौवें मंत्री बन गए हैं. विद्रोहियों का दावा है कि उनके पास दो-तिहाई बहुमत है, जो उन्हें अयोग्यता कानूनों को लागू किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने में सक्षम करेगा.
क्या शिंदे गुट के विधायक उद्धव ठाकरे के संपर्क में?
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर से 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस मिला है. सूत्रों के मुताबिक यह भी दावा किया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के साथ डेरा डाले हुए कम से कम 20 विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं. उनमें से कई बीजेपी के साथ गठबंधन में राज्य पर शासन करने की एकनाथ शिंदे की योजना से असहमत हैं.
असली शिवसेना कौन?
बागी गुट के मुखर विधायकों में से एक दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) को प्रवक्ता बनाया गया है. रविवार को केसरकर ने कहा था कि उनके पास संख्या है लेकिन हम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का सम्मान करते हैं और हमारा गुट किसी अन्य पार्टी के साथ विलय नहीं करेगा. केसरकर ने अपने गुट को शिवसेना बालासाहेब को मान्यता देने की भी मांग की थी.
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