Maharashtra School Reopening: दो अक्टूबर के बाद होगा महाराष्ट्र में दोबारा कॉलेज खुलने को लेकर फैसला, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का बयान
Maharashtra School Reopening: अजित पवार के मुताबिक कोविड-19 हालात की समीक्षा के बाद महाराष्ट्र में कॉलेजों को अलग अलग फेज में खोला जाएगा. राज्य सरकार ने यहां 4 अक्टूबर से स्कूल खोलने का एलान किया है
मुंबई: कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए देश के कई राज्यों में स्कूल और कॉलेज दोबारा खुलने शुरू हो गए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भी इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए 4 अक्टूबर से स्कूल खोलने का एलान किया है. वहीं यहां कॉलेज दोबारा खुलने को लेकर 2 अक्टूबर के बाद फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि, कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र में इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया था.
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया, "कोविड-19 के हालात की समीक्षा के बाद महाराष्ट्र में कॉलेजों को अलग अलग फेज में खोला जाएगा. साथ ही कॉलेज में आने वाले 18 साल से अधिक उम्र के हर छात्र-छात्रा के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना अनिवार्य होगा."
2 अक्टूबर को की जाएगी समीक्षा
अजित पवार ने बताया कि, राज्य सरकार ने कॉलेजों में टीचर्स और अन्य स्टाफ की वैक्सिनेशन का कम शुरू कर दिया है. 18 साल से अधिक उम्र के हर छात्र-छात्रा को भी जल्द वैक्सीन की डोज दे दी जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया, "हम 2 अक्टूबर को यहां एक बार फिर समीक्षा करेंगे. अगर हमें लगता है कि कॉलेज दोबारा खोलने के लिए हालात बेहतर हैं तो हम इसके चरणबद्ध तरीके से 2 अक्टूबर के बाद इन्हें खोलने की शुरुआत कर सकते हैं."
महाराष्ट्र में 4 अक्टूबर से खुलेंगे स्कूल
महाराष्ट्र सरकार ने कल एक बड़ा फैसला लेते हुए यहां 4 अक्टूबर से स्कूल शुरू करने को लेकर हरी झंडी दे दी है. सीएम उद्धव ठाकरे और शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ की बैठक के बाद सरकार द्वारा ये ऐलान किया गया . पीडियाट्रिक टास्क फोर्स और स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले को मंजूरी दे दी है. स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड (Varsha Gaikwad) ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि शहरी भागों में स्कूल 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे. ग्रामीण भागों में 5 वीं से 12 वीं तक के लिए स्कूल खुल जाएंगे.
साथ ही कोरोना से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए फैसले में फेरबदल करने का अधिकार जिलाधिकारियों को होगा. यानी जिन जिलों में कोरोना से जुड़ी स्थितियां अनुकूल ना हों, वहां जिलाधिकारी स्कूल बंद रखने का निर्णय ले सकते हैं. बच्चों को बुलाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी. विद्यार्थियों पर अटेंडेंस के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा. आदेश में कहा गया है कि विद्यालयों को सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
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