महाराष्ट्र ने केंद्र से हर महीने मांगी कोरोना वैक्सीन की तीन करोड़ डोज, विधानमंडल में प्रस्ताव पारित
विधानसभा में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य का सिस्टम हर रोज दस लाख वैक्सीन लगा सकता है, बशर्ते वैक्सीन की डोज उपलब्ध हो.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से राज्य को हर महीने कोरोना वैक्सीन की कम से कम तीन करोड़ डोज देने को कहा गया है ताकि महामारी की तीसरी लहर से बचा जा सके और आर्थिक गतिविधियों को बहाल किया जा सके. सदन में प्रस्ताव पेश करने वाले स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य का तंत्र रोजाना 10 लाख लोगों को टीका लगा सकता है, बशर्ते टीके की खुराकें उपलब्ध हो.
राजेश टोपे ने कहा, “इस संख्या से हम अगले दो माह में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं. आर्थिक बहाली के लिए टीकाकरण अभियान में तेजी लाना जरूरी है.” उन्होंने कहा कि केंद्र ने टीके की अबतक 2,84,39,060 खुराक दी हैं और राज्य सरकार ने 25,10,730 खुराक खरीदी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 3,43,82,583 टीके लगाए जा चुके हैं.
मंत्री ने कहा कि राज्य ने अब तक कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए 4.25 नमूनों की जांच की है जिनमें से 61 लाख नमूने संक्रमित मिले हैं जबकि 1.23 लाख रोगियों ने वायरल संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया. मंत्री ने कहा कि कोविड के आने के डेढ़ साल बाद राज्य में फिलहाल 1.23 लाख रोगी संक्रमण का उपचार करा रहे हैं.
राजेश टोपे ने कहा, “महाराष्ट्र (कोविड-19) संक्रमण, मृत्यु और सक्रिय मामलों की संख्या में राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है. राज्य में कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप के 21 मामले हैं और 5500 मामले म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के हैं. यह गंभीर स्थिति है.”
कांग्रेस सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण ने केंद्र पर ‘मुनाफाखोरी’ को लेकर हमला किया और कहा कि पूरे देश के लिए टीकों का एक ही ऑर्डर होना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मुनाफाखोरी के लिए कौन जिम्मेदार है? किसी अन्य देश ने ऐसा नहीं किया है जहां लोगों को (कोविड-19 टीके की) प्रति खुराक के लिए 1,200 रुपये का भुगतान करना पड़ता है. राज्य और नगरपालिकों से टीका खरीदने को कहने के बजाय केंद्र सरकार को पूरे देश के लिए एक ऑर्डर के जरिए टीकों को खरीदना चाहिए और फिर उन्हें बेचना या वितरित करना चाहिए.” चव्हाण ने कहा की टीके की साढ़े करोड़ खुराकों को तब निर्यात कर दिया गया जब ‘हमें उन्हें अपने लोगों के लिए रखना चाहिए था.”