महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की ओर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शनिवार को खुफिया विफलता स्वीकार की है. शरद पवार के भतीजे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि खुफिया विभाग इस बारे में सूचना जुटाने में नाकाम रहा. इस घटना की जांच के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त किया गया है.
राज्य सड़क परिवहन निगम के 100 से अधिक हड़ताली कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मुंबई में NCP अध्यक्ष शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारी शरद पवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे और उनके आवास पर पथराव भी किया जा रहा था. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पवार ने उनकी चिंताओं को हल करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई.
शरद पवार के घर पर प्रदर्शन खुफिया विफलता- अजित पवार
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार शुक्रवार को महिलाओं सहित 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. उन्हें येलो गेट पुलिस थाने में ले जाया गया और उनके खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. वही शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि विरोध एक साजिश का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा कि इसके पीछे कौन था. शरद पवार का इस हड़ताल से कोई संबंध नहीं था. कोई राज्य के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.
प्रदर्शन करने वाले MSRTC के कर्मचारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि MSRTC कार्यकर्ताओं को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुंबई के सीपी संजय पांडे और ज्वाइंट कमिश्नर (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल को इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान व्यवहार करने और उनके निगम का सरकार में विलय करने की मांग कर रहे हैं. परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा था कि जो कर्मचारी अदालत की ओर से दी गई तारीख तक ड्यूटी पर लौट आएंगे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
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