मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी ने आज विधानसभा चुनाव के लिए चार बड़े नामो का टिकट काट कर सबको चौंका दिया. टिकट काटे जाने वालों में एक मौजूदा मंत्री और तीन पूर्व मंत्री हैं. सियासी जानकार दिग्गजों के टिकट काटने के पीछे सीएम देवेंद्र फडणवीस का अपना स्वार्थ भी बता रहे हैं. विनोद तावड़े और एकनाथ खडसे ये दो ऐसे नाम हैं जो फडणवीस को आगे जाकर सीएम की कुर्सी पर बने रहना मुश्किल कर सकते थे. इनकी भी सीएम बनने की महत्वकांक्षा रही है. 2014 के विधानसभा चुंनाव में जब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित नामों में खडसे और तावड़े भी थे. देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बन जाने से इनके अरमानों को ठेस पहुंची थी.


दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे इस बार टिकट से महरूम रह गए. उनकी सीट मुक्ताईनगर से बेटी रोहिणी खडसे को टिकट दिया गया है. खडसे को भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. उन्होंने विधानसभा के पटल पर और बाहर भी कई बार ऐसी बयानबाजी की जो पार्टी की लाइन के खिलाफ थी. उनको टिकट न दिए जाने के पीछे ये भी प्रमुख कारण माने जा रहे हैं.


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टिकट न पाने वालों में महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक तावड़े बतौर मंत्री काफी विवादित रहे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी उनकी अनबन रहती थी. उनको नितिन गडकरी खेमे का आदमी माना जाता था. टिकट न मिलने से तावड़े नाराज तो नजर आये लेकिन कहा कि वे पार्टी के लिए वफादारी से काम करते रहेंगे.


फडणवीस से जिनकी अनबन रही उनमें से एक प्रकाश मेहता हैं. मेहता घाटकोपर पूर्व सीट से विधायक हैं और महाराष्ट्र सरकार में गृहनिर्माण मंत्री थे. प्रकाश मेहता को टिकट न दिए जाने के पीछे की वजह उनपर लगा भ्रष्टाचार का आरोप है. इस वजह से उन्हें अपना मंत्रिपद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह पर मुंबई महानगरपालिका के सबसे अमीर पार्षद पराग शाह को टिकट दिया गया है।


कुलाबा से छह बार बीजेपी के विधायक रह चुके राज पुरोहित को भी टिकट नहीं मिला है. पुरोहित 1995 में जब पहली बार बीजेपी और शिवसेना की सरकार सत्ता में आयी थी तब गृहनिर्माण राज्य मंत्री थे. आरोप है कि कुछ वक्त पहले उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ पार्टी नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं जो छुपे कैमरे में रिकॉर्ड हो गईं. माना जा रहा है कि इसी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है. उनकी जगह एनसीपी से बीजेपी में शामिल हुए राहुल नार्वेकर को टिकट दिया गया है.


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महाराष्ट्र के सियासी हलकों में माना जाता है कि फडणवीस पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व की आंखों का तारा बन चुके हैं. महाराष्ट्र के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के चयन के लिए उनका सीधा दखल था. ऐसे में पहले कांग्रेस और एनसीपी जैसी विरोधी पार्टी के बड़े नेताओं को बीजेपी में लाकर उन्होंने पार्टी के बाहर अपने दुश्मन खत्म किये और अब पार्टी के भीतर अपने प्रतिद्वंदियों को टिकट न देकर उन्हें भी ठिकाने लगा दिया है. इसी वजह से फडणवीस बड़े आत्मविश्वास के साथ कहते हैं मैं फिरसे सीएम बनकर आऊंगा.


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