पंढरपुर यात्रा: 12 लाख श्रद्धालु भगवान विट्ठल के दर्शन के लिए पहुंचे, विरोध के बाद फडणवीस ने घर में की पूजा
देवशयनी/आषाढ़ी एकादशी पर महाराष्ट्र के कोने-कोने से वारकरी पालकियों और दिंडियों के साथ पंढरपुर में विट्ठल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र में आज पवित्र पंढ़परपुर यात्रा का समापन हो रहा है. इस मौके पर करीब 12 लाख श्रद्धालु भगवान विट्ठल के दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने अपने आवास पर पूजा की. कुछ संगठनों द्वारा कार्यक्रम में बाधा डालने की धमकी के चलते देवेंद्र फडणवीस ने यह फैसला किया है. यह चलन रहा है कि मुख्यमंत्री हर साल पंढरपुर जाते हैं. देर रात मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर पत्नी अमृता के साथ पूजा की.
तीर्थ विठ्ठल, क्षेत्र विठ्ठल देव विठ्ठल, देवपूजा विठ्ठल... गुरू विठ्ठल, गुरूदेवता विठ्ठल निधान विठ्ठल, निरंतर विठ्ठल... pic.twitter.com/phu1Y5LJvp
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 22, 2018
देवशयनी/आषाढ़ी एकादशी पर महाराष्ट्र के कोने-कोने से वारकरी पालकियों और दिंडियों के साथ पंढरपुर में विट्ठल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. पालकी के साथ एक मुख्य संत के मार्गदर्शन में समूह यानी दिंडी (कीर्तन/भजन मंडली) चलता है. जिसमें वारकरी शामिल होते हैं. हर साल पंढरपुर की वारी (तीर्थयात्रा) करने वाला वारकरी कहलाता है, जो विट्ठल के भक्त होते हैं. पंढरपुर के वारकरी संप्रदाय के उपास्य विट्ठल की प्राचीनता अट्ठाईस गुना यानी सात सौ चौरासी युगों से अधिक बताई जाती है.
Mumbai: Visuals from Wadala's Vitthal Temple where devotees have gathered in numbers on the occasion of Ashadhi Ekadashi. #Maharashtra pic.twitter.com/A0Kjz9E40u
— ANI (@ANI) July 23, 2018
मराठा समाज का आंदोलन आज मुंबई सहित महाराष्ट्र में मराठा समाज आज आरक्षण के लिये आंदोलन की तैयारी में हैं. मराठा समाज के आंदोलन कर्ता अपनी मांगों को लेकर महाराष्ट्र के पंढरपुर के वारी में भी दाखिल हुए हैं. इन्हीं वजह से मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया.