मुंबई: महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी पर ईडी की तलवार लटक रही है. ठाकरे और जोशी मुंबई के दादर स्थित कोहिनूर स्केवयर टावर के मामले में ईडी के रडार में आ गए हैं. ईडी ने राज ठाकरे को 22 अगस्त और उनमेश जोशी को समन भेजकर 19 अगस्त यानी आज मौजूद रहने के लिए कहा है.


क्या है पूरा मामला?


ईडी सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंसियल सर्विसेज द्वारा मुंबई की कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए 860 करोड़ रुपये के लोन और इन्वेस्टमेंट की जांच कर रही है.  ईडी कंपनी के शेयर होल्डिंग और निवेश की जांच कर रही है. बता दें कि कोहिनूर मिल्स नंबर 3 को खरीदने के लिए शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और उनके एक अन्य बिजनेस सहयोगी ने मिलकर एक कन्सोर्टियम गठित किया था. इसमें आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने 225 करोड का निवेश किया था. कुल मिलाकर कोहिनूर मिल की वो जमीन 421 करोड़ में ख़रीदी गई.


साल 2008 में आयएसआय ऐंड एफ़एसआई ने बड़ा नुकसान उठाते हुए कंपनी में अपने शेयर्स को महज 90 करोड़ रुपये में सरेंडर कर दिया. उसी साल राज ठाकरे ने भी अपने शेयर बेच दिए थे और कंसोर्टियम से बाहर निकल गए थे. अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को एडवांस लोन दिया, जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सीटीएनएल चुका नहीं पाया.



साल 2011 में कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियां बेचकर 500 करोड़ रुपये का लोन चुकाने के समझौते पर साइन किया. इस समझौते के बाद भी आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को 135 करोड़ रुपये का और लोन दे दिया. यही खेल समझने के लिए अब ईडी और एसएफआईओ मामले की जांच कर रही हैं.


राजनीति से प्रेरित है ईडी की ये कार्रवाई- राज ठाकरे


वहीं, इस नोटिस के बाद एमएनएस ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित क़रार दिया है. एमएनएस प्रवक्ता संदिप देशपांडे का कहना है कि ‘ये बदले की राजनिती के भाव से किया जा रहा है. राज ठाकरे बीजेपी सरकार के खिलाफ बोलते आ रहे हैं. ठाकरे ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले ईवीएम के विरोध में उनकी आक्रामकता पर रोक लगाने के लिये ये सब किया जा रहा है. लेकिन इस नोटिस का उनपर कोई असर नहीं होगा. अगर ज़बरदस्ती की गई तो पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे बिना नहीं रहेंगे.


ये मामला साल 2018 में सामने आया जब एक निवेशक ने दिल्ली पुलिस की ईओडब्लयू में मामले की शिकायत की. पुलिस ने छानबीन शुरु की तो सैकड़ों करोड़ रुपए का मामला होने की वजह से ये मामला ईडी और एसएफआयओ को दिया गया. जांच करके ईडी ने तीन और एसएफआयओ ने आयएल ऐंड एफ़एस के दो यानि कुल मिलाकर पांच अधिकारियों को फ़िलहाल गिरफतार किया है. इस मामले में ईडी ने कोहिनूर सीटीएनएल के सीएओ का बयान भी रिकॉर्ड किया है.


यह भी पढ़ें-
कश्मीर में हालात सामान्य: आज से खुले प्राइमरी स्कूल, कई दफ्तर और टेलिफोन एक्सचेंज भी खुले


PoK पर राजनाथ के बयान के बाद भारत के परमाणु हथियार से डरा पाकिस्तान, इमरान बोले- इसपर नज़र रखी जाए

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी जारी, लाल निशाने के करीब पहुंचा यमुना का जलस्तर