Maharashtra Health Scheme To Karnataka Villages: महाराष्ट्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच पड़ोसी राज्य कर्नाटक के 865 गांवों को अपनी हेल्थ केयर स्कीम फायदा देने का आदेश जारी किया है. इस इरादे से एकनाथ शिंदे सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव सोमवार (3 अप्रैल) को ने जारी किया.
इसमें कहा गया है कि जो लोग पहले से ही अंत्योदय खाद्य योजना (Antyodaya Food Scheme) के लाभार्थी हैं, प्राथमिकता समूह परिवार (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत) और अन्नपूर्णा राशन कार्ड धारक महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं.
कर्नाटक की 12 तहसील के गांवों को मिला फायदा
महाराष्ट्र सरकार ने अपने आदेश में कहा गया है कि बेलगावी, कारवार, कलबुर्गी और बीदर की 12 तहसीलों के 865 गांवों को महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत शामिल किया गया है. इसके तहत राज्य के पहचाने गए 996 तरह के उपचारों के लिए वहां के परिवारों को सालाना 1.50 लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा मिलेगा.
इस सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि इसमें 34 अलग-अलग तरह के विशेषज्ञ परामर्श भी शामिल हैं. महाराष्ट्र सरकार के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में लोग इस योजना का फायदा उठा सकते हैं. आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कई अस्पतालों को मान्यता दी है जहां लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
66 साल पुराना है सीमा विवाद
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा का मुद्दा 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद का है. महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा पेश करता है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा रहा था. इसकी वजह ये है कि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है.
इसके साथ ही महाराष्ट्र 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी अपना दावा करता है. यो गांव वर्तमान में दक्षिणी राज्य कर्नाटक का हिस्सा हैं. हालांकि, कर्नाटक राज्य पुनर्गठन अधिनियम (States Reorganisation Act) और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट (Mahajan Commission Report) के अनुसार भाषाई आधार पर किए गए सीमांकन (Demarcation) को आखिरी मानता है.
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