Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी उफान के बीच गुवाहाटी (Guwahati) में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के विधायकों की होटल की बुकिंग 5 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक बड़ी वजह यह है कि बीजेपी (BJP) ने एक प्लान तैयार किया है. उसके मुताबिक अगर एकनाथ शिंदे गुट के विधायक बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में नहीं भी मौजूद होते हैं तब भी बीजेपी आसानी से बहुमत साबित कर सकती है.
क्योंकि बीजेपी के उच्च सूत्र पहले ही बता रहे हैं कि उनके पास कम से कम 128 विधायकों का आंकड़ा है, जबकि महा विकास आघाडी (MVA) के पास 116 विधायक ही मौजूद हैं. ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट के विधायक तब ही मुंबई पहुंच सकते हैं. जब एक बार प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो जाए और बीजेपी की सरकार बन जाए. ऐसा होने से अलग गुट को मान्यता, किसी पार्टी मे विलय जैसे तमाम सवालों का फिलहाल कोई मतलब नहीं रह जायेगा. ये अदालत और चुनाव आयोग तय करता रहेगा. लेकिन तब तक प्रदेश मे बीजेपी सरकार सत्ता में स्थापित हो चुकी होगी.
महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) की अंदरूनी लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है. दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर (Maharashtra Deputy Speaker) ने एकनाथ शिंदे के समर्थक 15 बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब देने के लिए कहा था. जिसके बाद शिंदे ग्रुप ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस को असंवैधानिक बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की सुनवाई करते हुए बागी विधायकों को 14 दिन का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के इस नोटिस पर फिलहाल 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है. साथ ही महाराष्ट्र में यथास्थिति बनाए रखने की बात कही है.
राज्यपाल दफ़्तर ने सरकार से मांगी जानकारी
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा 21 जून से लेकर 25 जून के बीच 200 के क़रीब GR जारी किये गए थे. सरकार के इन फैसलों पर नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने राज्यपाल (Maharashtra Governor) को पत्र लिखकर इनकी जांच करने की मांग की थी. विपक्ष का आरोप है कि सरकार अल्पमत में है और इसके बावजूद ऐसे फैसले कैसे ले रही है. जिसके बाद अब राज्यपाल दफ़्तर ने सरकार से पिछले कुछ दिनों में लिए गए फैसलों की जानकारी मांगी है.
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