Maharashtra CAG Audit: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई महानगर पालिका के कथित भ्रष्टाचार का संज्ञान लेते हुए CAG ऑडिट के आदेश दिए हैं. ये जांच के आदेश मुंबई महानगर पालिका के 5 अलग-अलग कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिए गए. मुंबई महानगर पालिका पर शिवसेना का पिछले 25 सालों से कब्जा है. कोरोना महामारी के दौरान मुंबई महानगर पालिका पर शिवसेना उद्धव गुट का कब्जा था.

कोविड सेंटर घोटाला


BMC (MCGM) के तरफ से कोविड सेंटर को चलाने और चिकित्सा सेवाएं को देने के लिए गैर-पारदर्शी तरीके से ठेका दिया गया था. उदाहरण के तौर पर लाइफ लाइन अस्पताल मैनेजमेंट केयर को पांच सेंटर के लिए ठेका दिया गया था. जिस हॉस्पिटल को ये जिम्मेदारी दी गई थी वो 26 जून, 2020 तक अस्तित्व में थी ही नहीं. इसके बाद, यह कहा गया कि यह अपंजीकृत फर्म है. कोविड के दौरान करीब 100 करोड़ रुपये का ठेका गैर तरीके से दिया गया था.


मेडिकल इमरजेंसी पर भ्रष्टाचार


BMC ने 1568/- रुपये प्रति शीशी के दाम पर रेमडेसिवीर खरीदा, और 7 अप्रैल 2020 को 2 लाख शीशियों के लिए ऑर्डर दिया. उसी दिन महाराष्ट्र सरकार के हाफकाइन इंस्टीट्यूट ने रेमडेसिवीर शीशी 668/- रुपये प्रति शीशी और मीरा भयंदर नगर निगम भी ने रेमडेसिवीर को 668/-रुपए दाम पर खरीदा. गहन जांच में ये पाया गया कि BMC का सप्लायर के साथ मिलीभगत था, जो एक भ्रष्ट करार में शामिल था.


अलग-अलग कोविड सेंटर पर सामानों की खरीदारी के लिए सहायक आयुक्त को वार्ड लेवल पर भी एक्स्ट्रा पावर दी गई थी, जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे. कोविड सेंटर के निर्माण के लिए जिस तरह से ठेके दिए गए, उसका भी स्पेशल ऑडिट किए जाने की जरूरत है.


जमीन खरीद घोटाला


मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने निशाल्प रियल्टी (अल्पेश अजमेरा) से एकसार / दहिसर में जमीन खरीदी और 349 करोड़ रुपये का भुगतान किया. फिर बाद में ये देखा गया कि अल्पेश अजमेरा ने वही जमीन मस्कारेहैंस परिवार से 2.55 करोड़ रुपये में खरीदी थी. इस जमीन की खरीद को लेकर कई नगर आयुक्तों ने कड़ा विरोध किया था. बिल्डर ने कोर्ट में जाकर 900 करोड़ रुपये की मांग की थी. ये MCGM के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जाता है. जिसका विस्तार से जांच किए जाने की जरूरत है.


कोविड कॉन्ट्रैक्ट में अफसरों की भागीदारी


मनीष राधाकृष्ण वलंजू ने अपने एरिया कुर्ला 'एल' वार्ड का ठेका जीनहेल्थ डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया था. ये कंपनी उनके पिता राधाकृष्ण बालकृष्ण वलंजू के साथ जुड़ी हुई थी. अनुभवहीन कंपनियों जो किसी राजनीतिक नेता या BMC अफसरों से जुड़ी हुई थी. जिसको गैर तरीके से अलग-अलग वार्डों में RSCPCR कोविड के टेस्ट का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया.


उद्धव ठाकरे पर उठते सवाल


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने BMC के कथित भ्रष्टाचार पर CAG ऑडिट की जांच का आदेश दिया है. जो सीधे-सीधे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल और कामकाज पर सवाल उठाता है. गौरतलब है कि BMC पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना कबीज रही तो वही कोविड काल में लिए गए फैसलों को लेकर एक ग्रुप उद्धव ठाकरे को बेस्ट CM का तमगा देकर ढोल भी पीटता रहा है.


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