Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Former Chief Minister Devendra Fadnavis) मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंच गए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे.


देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के सियासी संकट पर कानूनी सलाह ले रहे हैं. फडणवीस के साथ महेश जेठमलानी मौजूद हैं, कल सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई हुई थी उसकी बारीकियों को समझा जा रहा है.. दिल्ली में गुप्त लोकेशन पर मीटिंग चल रही है. महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (MBA) सरकार संकट का सामना कर रही है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. फडणवीस का दिल्ली दौरा ऐसे समय में हुआ है जब बागी नेता शिंदे ने दावा किया कि गुवाहाटी में उनके साथ 50 विधायक हैं और वे स्वेच्छा से तथा ‘‘हिंदुत्व’’ की राजनीति को आगे ले जाने के लिए यहां पहुंचे हैं.


ज्ञात हो कि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी रणनीति ‘‘स्थिति पर नजर रखने’’ की है. इस सिलसिले में सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की फडणवीस के आवास पर एक बैठक भी हुई थी.


गुवाहटी में डेरा डालने वाले राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं


शिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये. सूत्रों ने बताया कि फडणवीस पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. BJP सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था.


भाजपा नेताओं का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार आखिरी सांसें ले रही है लेकिन भाजपा ‘‘इस बार अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाएगी।’’ एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘सारी संभावनाएं तलाशने के बाद परिस्थितियां पक्ष में होंगी तभी राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया जाएगा.’’


11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी


शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों को सोमवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से भी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधानिकता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया.


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