मुंबई: महाराष्ट्र के हिंगोली में कक्षा 6 में पढ़ने वाली समीक्षा सावके नाम की 12 साल की लड़की ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम एक चिट्ठी लिखी है. इस पत्र में एक किसान परिवार का दर्द और 12 साल की बच्ची का पिता के लिए दर्द झलकता है. सरकार की ओर से किसानों को भारी बारिश से हुए नुकसान के लिए राहत पैकेज का एलान किया गया, लेकिन उसके परिवार को अब तक राहत के पैसे नहीं मिले जिसके वजह से दिवाली में न ही उन्होंने नए कपड़े खरीदे, न ही पटाखे खरीदे.


समीक्षा सावके ने लिखा, “उद्धव ठाकरे साहेब, मुख्यमंत्री साहेब मुंबई…मेरे बाबा ने पटाखे और कपड़े नहीं खरीदे. इस बार हमारे गांव में, खेतों में बहुत मुसलाधार बारिश हुई, हमारी खेती बर्बाद हो गई, ऐसा बाबा ने बताया. भारी बारिश होने की वजह से हमारी सोयाबीन की खेती खराब हो गई. हमारे पास पैसे नहीं हैं. मेरे बाबा कहते हैं इस साल अपना कर्ज भी माफ नहीं हुआ. हमारी फसल बर्बाद हो गई.” समीक्षा ने मराठी भाषा में ये खत लिखा है.



खत में आगे लिखा है, “मेरे बाबा रात के समय खेतों में पानी देने के लिए जाते हैं. मैंने बाबा से कहा कि बाबा दिवाली के दिन आप घर पर ही रहिए पर वह कहते हैं कि अपने यहां दिन में लाइट नहीं रहती इसलिए बाबा रात में घर पर नहीं रहते. मैंने और मेरे भाई हम दोनों ने बाबा से कहा कि दीवाली पर कपड़े और पटाखे दिलाइए इस पर उन्होंने कहा कि नुकसान के पैसे बैंक से मिलने पर खरीद दूंगा. हमारी दिवाली नहीं,  कपड़े नहीं,  पटाखे नहीं इसलिए मां अगर बोलती है तो मां और बाबा में झगड़ा होता है. आप नुकसान के पैसे बैंक में दे दीजिए.”


गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से पिछले महीने 23 अक्टूबर को एलान किया गया था कि भारी बारिश के वजह से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई दिवाली से पहले की जाएगी और सरकार ने 10 हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी.


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