मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं. इसी दौरे के दौरान आज कोल्हापुर में उनकी अचानक विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि बाढ़ को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. बता दें कि फड़णवीस भी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिमी महाराष्ट्र के दौरे पर हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने शाहपुरी में देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और इस दौरान बाढ़ को लेकर चर्चा हुई. हम फिर मुंबई में मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि कैसे लोगों की और अच्छे तरीके से मदद की जाए.
वहीं देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोल्हापुर के शाहपुरी क्षेत्र के दौरे पर उन्होंने कई नागरिकों से बातचीत की, इसी दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी वहां पहुंचे. उन्हें बाढ़ पीड़ितों की दुर्दशा के बारे में बताया और उनसे बाढ़ पीड़ितों की तुरंत मदद करने का अनुरोध किया.
बीजेपी नेता ने कहा कि समस्या का दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए तुरंत एक बैठक बुलाई जाए. इस मौके पर हमारे प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल और प्रवीण दारेकर मौजूद थे.
विपक्ष लगातार बाढ़ प्रभावित इलाक़े में हुए नुक़सान की भरपाई देने की मांग कर रहा है. लेकिन सरकार ने अब तक कोई बड़े पैकेज की घोषणा नहीं की है. दोनों नेताओं की मुलाक़ात के वक्त शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की लेकिन बाद में सीएम ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया.
बाढ़ को लेकर क्या बोले सीएम?
कोल्हापुर जिले में पिछले सप्ताह की मूसलाधार वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे ठाकरे ने बाढ़ प्रभावित लोगों से अपने पुनर्वास के बारे में मिल-बैठकर फैसला करने की अपील की और ऐसे गांवों से इस संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया.
स्थिति का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के सामने उत्पन्न होने वाली परेशानियों का स्थायी हल ढूंढने के लिए शीघ्र ही कड़े कदम उठाये जायेंगे. शिरोली तहसील के एक गांव में अस्थायी शिविरों में रह रहे बाढ़ प्रभावितों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘ यदि समूचा गांव पुनर्वास के लिए तैयार है तो राज्य सरकार उन्हें इस प्रक्रिया में जरूरी सभी मदद देगी.’’
नरसिंहवादी में ग्रामीणों ने ठाकरे से 2019 की बाढ, पिछले सप्ताह की बाढ़ और कोविड महामारी के बारे में जिक्र किया और कहा कि पिछले तीन सालों में इन चीजों ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी है और उन्हें अपनी जिंदगी पटरी पर लाने के लिए सहायता चाहिए.
शाहपुरी क्षेत्र में ठाकरे ने लोगों से कहा, ‘‘ चिंता मत कीजिए. सरकार हल ढूंढने के लिए यहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ संवाद करेगी.’’ स्थानीय लोगों ने बताया कि इस साल की बाढ़ 2005 और 2019 की बाढ़ से अधिक अधिक है.
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ एवं भूस्खलन के चलते 213 लोगों की जान चली गयी और हजारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. कोंकण तथा पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में भयंकर नुकसान हुआ है.
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