ED on Anil Deshmukh: महाराष्ट्र में ट्रांसफ़र-पोस्टिंग (Transfer Postings) को लेकर घमासान मचा हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के ख़िलाफ़ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें एक और बड़ा खुलासा हुआ है. चार्जशीट के मुताबिक़ महाराष्ट्र में अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग से पहले देशमुख और शिवसेना नेता अनिल परब और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच एक सीक्रेट मीटिंग होती थी और इसी वजह से इस मीटिंग का कोई भी रिकॉर्ड नही रखा जाता था.
यह खुलासा अनिल देशमुख के OSD रवि व्हटकर ने किया है. व्हटकर ने अपने बयान में बताया कि अनिल देशमुख के कार्यालय में पूरे महाराष्ट्र के MLA, MLC, मंत्री और पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा पुलिस ट्रांसफ़र और पोस्टिंग को लेकर सिफ़ारिशें आया करती थीं जिसे मैं स्वीकार करता था और उसकी लिस्ट बनाई जाती थी.
पसंदीदा ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए देशमुख करते थे सीक्रेट मीटिंग
अनिल देशमुख के OSD रवि व्हटकर ने कहा कि, मैं इन लोगों के नाम की लिस्ट बनाता था जिनके नाम NCP और कांग्रेस से जुड़े लोगों द्वारा दिए गए होते थे और उस लिस्ट को देशमुख को सौंप देता था. इसके अलावा शिवसेना से जुड़े लोगों की सिफ़ारिश वाली लिस्ट के साथ मिनिस्टर अनिल परब आते थे और खुद देशमुख को वो लिस्ट ज्ञानेश्वरी, सह्याद्रि गेस्ट हाउस या मंत्रालय में देते थे. व्हटकर ने आगे बताया कि सिफ़ारिश वाली इस लिस्ट में इंस्पेक्टर और उसके ऊपर के रैंक के अधिकारियों के नाम होते थे, जिन्हें महाराष्ट्र में कहीं भी या फिर कमिश्नरेट में कहीं भी उनके पसंदीदा जगह पर पोस्टिंग चाहिए होती थी. इस लिस्ट को फाइनल करने के लिए देशमुख एक सीक्रेट मीटिंग करते थे. जिसमें अनिल परब उस इलाक़े के कमिश्नर, संजीव पलांडे और मैं खुद मौजूद होता था. यह मीटिंग बहुत सीक्रेट और प्राइवेट होती थी. इसी वजह से इन मीटिंग का कोई भी रिकॉर्ड या मिनिट ऑफ़ द मीटिंग नहीं तैयार किया जाता था.
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अनिल देशमुख के OSD रवि व्हटकर ने लगाए कई आरोप
व्हटकर ने यह भी साफ़ किया कि महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह की ट्रांसफ़र पोस्टिंग के लिए ऐसी मीटिंग करने का कोई भी नियम या गाइडलाइन नहीं बनाया है. इस मीटिंग में फिर सभी पुलिस अधिकारियों के नामों और उनकी सिफ़ारिश करने वाले मिनिस्टर, MLA या MLC पर चर्चा होती थी, जिसके बाद देशमुख उन्हें पोस्टिंग देते थे और एक फ़ाइनल लिस्ट बनाई जाती थी. व्हटकर ने आगे बताया कि इसके बाद वो इस लिस्ट को संबंधित पुलिस स्टेबलिशमेंट बोर्ड को आगे का प्रॉसेस करने के लिए भेज दिया करते थे. व्हटकर ने यह भी बताया कि पुलिस स्टेबलिस्मेंट बोर्ड सिर्फ़ एक फॉर्मैलिटी करते थे, क्योंकि पोस्टिंग पहले से ही निर्धारित की जा चुकी होती थी. व्हटकर ने ED को बताया कि वो इंस्पेक्टर और उसकी नीचे के अधिकारियों की लिस्ट बनाते थे जबकि संजीव पलांडे DY SP या ACP और उसके ऊपर के रैंक के अधिकारियों की लिस्ट बनाते थे.
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